शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन: 59 ध्यानाकर्षण से घिरी सरकार, कांग्रेस लाएगी स्थगन प्रस्ताव
By : hashtagu, Last Updated : December 20, 2024 | 11:59 am

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज अपने अंतिम दिन में प्रवेश कर चुका है। आज कुल 59 ध्यानाकर्षण (Attention Motions) पेश किए जाएंगे, जिनमें से कई मुद्दे सरकार को घेरने वाले हैं। कांग्रेस ने खराब कानून व्यवस्था, फर्जी नक्सल एनकाउंटर और सरकारी स्कूलों व छात्रावासों में बच्चियों की मौत से जुड़े मामलों पर स्थगन प्रस्ताव लाने का ऐलान किया है। इसके चलते सदन में जमकर हंगामा होने की संभावना है।
आज के प्रश्नकाल में आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम और वित्त मंत्री ओपी चौधरी से जुड़े अहम सवाल उठाए जाएंगे। इसमें प्रमुख रूप से बस्तर क्षेत्र में सरकारी आश्रमों और छात्रावासों में बच्चियों की मौत का मामला शामिल है। बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल ने इस पर सवाल उठाए हैं, जबकि अंबिका मरकाम ने वनाधिकार पट्टा से संबंधित मुद्दे पर सवाल पूछा है।
इसके अलावा, भाजपा विधायक मोतीलाल साहू ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खर्चे और किसानों को मिले लाभ पर जानकारी मांगी है। छात्राओं की सुरक्षा और शोषण के मामलों को लेकर भी आज बहस हो सकती है, खासकर शौचालय में बच्चियों को रखने और सरकारी संस्थानों में खराब व्यवस्थाओं पर।
कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष का जोरदार हमला
प्रदेश में लगातार बढ़ते अपराधों और कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर विपक्ष सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने जा रहा है। कांग्रेस आज स्थगन प्रस्ताव लाकर इस मुद्दे पर चर्चा का प्रयास करेगी।
59 ध्यानाकर्षण के अहम मुद्दे
सत्र के आखिरी दिन में 59 ध्यानाकर्षण पर चर्चा की जाएगी, जिनमें कई महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं:
- विधायक धरमलाल कौशिक दवा खरीदी में अनियमितता को लेकर स्वास्थ्य मंत्री का ध्यान आकर्षित करेंगे।
- राजेश मूणत सहकारी गृह निर्माण समितियों में एनओसी के लिए पैसे मांगे जाने पर सहकारिता मंत्री को घेरेंगे।
- पूर्व मंत्री उमेश पटेल और विधायक शेषराज हरबंश चिटफंड से संबंधित ठगी के मामलों पर चर्चा करेंगे।
- इंद्रशाह मंडावी फर्जी जाति प्रमाणपत्र के जरिए सरकारी नौकरी पाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे।
इसके अतिरिक्त, दंतेवाड़ा का आंखफोड़वा कांड, हाथियों का आतंक, सूरजपुर में डबल मर्डर, धान खरीदी में अनियमितताएं और अवैध शराब की बिक्री जैसे मुद्दे भी उठेंगे, जो सदन में अहम बहस का कारण बन सकते हैं।