शराब घोटाला : पूर्व मंत्री के बेटे हरीश लखमा ईडी ने की पूछताछ

छत्तीसगढ़ में 2161 करोड़ रुपये के चर्चित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई जारी है. इस मामले में जेल में बंद छत्तीसगढ़ के

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  • Publish Date - January 27, 2025 / 08:21 PM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ में 2161 करोड़ रुपये के चर्चित शराब घोटाले (Famous liquor scam of Rs 2161 crore in Chhattisgarh)में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई जारी है. इस मामले में जेल में बंद छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री कवासी लखमा के बेटे हरीश लखमा (Harish Lakhma, son of former minister Kawasi Lakhma)को ईडी ने तलब किया है. आज सुबह हरीश लखमा अपने वकील के साथ ईडी के दफ्तर पहुंचे। सूत्रों के अनुसार, ईडी के अधिकारियों ने उनसे घोटाले से जुड़ी अहम जानकारियों के लिए पूछताछ शुरू कर दी है।

बता दें कि 15 जनवरी को पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को ईडी ने शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था। वहीं 21 जनवरी को ईडी ने कवासी लखमा को कोर्ट में पेश किया। इसके बाद 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया था, अब 5 फरवरी को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा।

क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला मामला

ईडी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के शासनकाल के दौरान साल 2019 से 2022 तक लाइसेंसी शराब दुकानों पर डुप्लिकेट होलोग्राम लगाकर बड़ी मात्रा में अवैध शराब बेची जाती थी, जिसके चलते छत्तीसगढ़ के राजस्व विभाग को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था. उस दौरान शराब को स्कैनिंग से बचाने के लिए नकली होलोग्राम भी लगाया जाता था, ताकि वह किसी की पकड़ में न आ सके. इस होलोग्राम को बनाने के लिए घोटाले में संलिप्त लोगों ने उत्तर प्रदेश के नोएडा में होलोग्राफी का काम करने वाली क्क॥स्श्व (प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड) कंपनी को टेंडर दिया था।

ईडी ने जब इन तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया, तो मामले में और भी खुलासे होने लगे. इसके बाद साल 2024 के अंत में कांग्रेस विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा का नाम सामने आया. सूत्रों के मुताबिक ईडी की जांच में पता चला है कि कवासी लखमा को शराब घोटाले से पीओसी (प्रोसीड ऑफ क्राइम) से हर महीने कमीशन मिलाता था।

ईडी को मिले थे अहम सबूत

पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके करीबियों के घर पर छापामार कार्रवाई के बाद श्वष्ठ ने 2 जनवरी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी साझा करते हुए लिखा था कि, छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत रायपुर, धमतरी और सुकमा जिलों में स्थित 7 जगह तलाशी अभियान चलाया गया.

ईडी घोटाले की प्रासंगिक अवधि के दौरान कवासी लखमा द्वारा नकद में (पीओसी) प्रोसीड ऑफ क्राइम यानी की अपराध से अर्जित आय के उपयोग से जुड़े सबूत जुटाने में सक्षम हो गया है. इसके अलावा, तलाशी में कई डिजिटल डिवाइस बरामद और जब्त की गईं, जिनके बारे में माना जाता है कि उनमें आपत्तिजनक रिकॉर्ड हैं।

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