भारतमाला परियोजना में ‘महाघोटाला’ ! एक खसरे के 12 टुकड़े…..84 लाख की जगह 7 करोड़ हड़पे

रायपुर विशाखापट्टनम इकोनॉमिक कॉरीडोर की गड़बड़ी को लेकर सामने आई रिपोर्ट में लगातार चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। इससे यह पता चलता है

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  • Updated On - April 8, 2025 / 02:08 PM IST

रायपुर। (Raipur Visakhapatnam Economic Corridor mess) रायपुर विशाखापट्टनम इकोनॉमिक कॉरीडोर की गड़बड़ी को लेकर सामने आई रिपोर्ट में लगातार चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। इससे यह पता चलता है अफसरों और भूमाफियाओं ने किस तरह खसरे को बांटने का खेल किया और एक ही खसरे के 10 से 12 टुकड़े तक कर डाले। इसका एक चौंकाने वाला मामला सिर्फ टोकरो गांव में सामने आया है। गड़बड़ी (Maha-scam) की रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है कि किस तरह टोकरो गांव में खसरा नंबर 32 के 12 टुकड़े, खसरा नंबर 82 के 5 टुकड़े, खसरा नंबर 3 के 6 टुकड़े और खसरा नंबर 1 के 10 टुकड़े कर दिए गए।

इस तरह चार मूल खसरे के 33 टुकड़े कर दिए गए। सिर्फ टोकरो गांव में ही चार खसरे के विभाजित होने के बाद 84 लाख 31 हजार रुपए के मुआवजे को 8 गुणा बढ़ाकर 7 करोड़ 51 लाख 98 हजार रुपए कर दिया गया। इससे पता चलता है किस तरह अफसरों और रसूखदार भूमाफियाओं ने खसरे का खेल खेलकर शासन को करोड़ों का चूना लगाया। खास बात यह है कि मुआवजा लेने के लिए एक ही परिवार के कई सदस्यों के नाम जमीन का नामांतरण कर दिया गया।

एक परिवार को दो गांवों में मुआवजा

रसूखदारों ने मुआवजे का खेल ऐसा खेला कि एक ही नाम से जमीनें नायकबांधा में भी ले ली और उरला में भी ले ली। अभनपुर के नायकबांधा गांव में खसरा नंबर 1722/1 से लेकर 1722/5 तक जिस परिवार को लगभग पौने दो करोड़ की राशि बतौर मुआवजा देने का उल्लेख है। उसी परिवार का उल्लेख अभनपुर के उरला गांव में भी है। यहां खसरा नंबर 240/8 से 240/13 तक लगभग 3 करोड़ की राशि बतौर मुआवजा दी गई है।

एक-एक परिवार में करोड़ों मुआवजा

नायकबांधा के संबंध में रिपोर्ट में इस बात की जानकारी है कि एक ही खसरा नंबर के टुकड़े किए गए और परिवार के सदस्यों के नाम ही जमीन कर दी गई। एक ही खसरे में तीन टुकड़े कर तीन भाईयों के नाम 45 लाख, 78 लाख और 57 लाख रुपए से अधिक का मुआवजा दे दिया गया। इसी तरह इसी खसरे के एक हिस्से में 46 लाख और 48 लाख रुपए का मुआवजा दे दिया गया है। रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है कि यह सभी सिंचित भूमि थी, जिसे परिवर्तित कर मुआवजे का खेल किया गया है।

6 करोड़ की जगह 32 करोड़ बांटा मुआवजा

जमीनों की बंदरबांट कर मुआवजे का सबसे बड़ा खेल तो नायकबांधा गांव में हुआ। यहां पटवारी हल्का नंबर 49 में 13 मूल खातेदारों के खसरे के 54 टुकड़े कर दिए गए। इस तरह यहां मूल स्थिति में जो मुआवजा 6 करोड़ 7 लाख 94 हजार 805 रुपए का था। उसे पांच गुणा बढ़ाकर 32 करोड़ 9 लाख 10 हजार 409 रुपए वितरित कर दिया गया। इसी तरह ग्राम भेलवाडीह में एक जमीन के चार टुकड़े कर 30 लाख 44 हजार 78 रुपए मुआवजे की जगह 88 लाख 3 हजार 208 रुपए मुआवजा कर दिया गया।

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