BIG STORY : भारत माला परियोजना के मुआवजा राशि हड़पने जिम्मेदारों ने अपनाया गजब का फंडा

हैरानी का विषय यहीं समाप्त नहीं होता, जिन खातेदारों के नाम खाते का विभाजन किया गया, उनकी उम्र और खाता विभाजन के दिनांक का विवरण भी दर्ज नहीं

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  • Updated On - April 9, 2025 / 05:23 PM IST

   –भारतमाला प्रोजेक्ट में गड़बड़ी

   –मुआवजा राशि हड़पने के लिए जिम्मेदारों ने खेला गजब का खेल

    –हाथ से लिखे बी-1 से कर दिए जमीन के टुकड़े

रायपुर। हैरानी का विषय यहीं समाप्त नहीं होता, जिन खातेदारों के नाम खाते का विभाजन किया गया, उनकी उम्र और खाता विभाजन के दिनांक का विवरण भी दर्ज नहीं किया गया है। खास बात यह भी कि तमाम कारनामों को अंजाम भारतमाला प्रोजेक्ट(Bharatmala Project) के तहत रायपुर विशाखापट्टनम एक्सप्रेस वे की अधिसूचना जारी होने के महीनेभर के भीतर दिया गया। पांच सौ पन्नों की रिपोर्ट(500 page report) में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। सिर्फ टोकरो ही नहीं, नियमों को दरकिनार कर खाता विभाजन नायकबांधा, सातपारा से लेकर झांकी तक किया गया। टोकरो के मामले में जिन पक्षकारों के खाते का विभाजन हुआ है, उन्होंने अपने शपथपूर्वक कथन में स्वीकार किया है कि खाते के बंटवारे के लिए कभी कोर्ट में पेश ही नहीं हुए।

हाथ से बना दिया बी-1 का पेपर

कम्प्यूटर और लैपटॉप के युग में हाथ से लिखे बी-1 का मामला भी अचरज में डालता है। ग्राम टोकरो में की गई गड़बड़ी के संबंध में प्रस्तुत जांच रिपोर्ट से पता चलता है पटवारी ने दिनांक का उल्लेख किए बगैर हाथ से लिखा हुआ बी-1 प्रस्तुत कर दिया। जबकि खासा विभाजन के लिए ऑनलाइन और डिजिटल हस्ताक्षरित बी-1 फार्म संलग्न किया जाना था। इस तरह तमाम नियमों को दरकिनार कर दिया गया

इसलिए उम्र और दिनांक दर्ज नहीं

खाता विभाजन से लेकर नामांतरण और रजिस्ट्री के प्रकरण में उम्र और दिनांक का उल्लेख करना जरूरी होता है। चूंकि टोकरो में पटवारी हल्का नंबर 24 में जिन खातेदारों के नाम खाते का विभाजन किया जाना था, उनमें कुछ कम उम्र के बच्चे भी थे। इसलिए उम्र का उल्लेख नहीं किया गया। चूंकि यह कारनामा अधिसूचना जारी होने के बाद किया गया, इसलिए जिम्मेदारों ने तारीख डालना भी मुनासिब नहीं समझा।

ईओडब्ल्यू जुटा रही तथ्य

राज्य सरकार ने भारतमाला प्रोजेक्ट में जांच का जिम्मा ईओडब्ल्यू को सौंप दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ईओडब्ल्यू ने प्रकरण से जुड़े दस्तावेजों के लिए शासन से संपर्क किया है। जल्द ही भारतमाला प्रोजेक्ट की जांच ईओडब्ल्यू शुरु कर सकती है। जांच में तेजी आने के साथ ही यह तय है कि प्रकरण में जिनकी भूमिका संदिग्ध है, उनकी मुश्किलें बढ़ेंगी।

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