CG-Inside story : DMF फंड में ‘हेराफेरी’ तो कस्टम मिलिंग ‘140 करोड़’ की अवैध वसूली! ऐसा चला ‘भ्रष्टाचार’ का खेल

डीएमएफ फंड और कस्टम मिलिंग भ्रष्टाचार के प्रकरण में ईडी की रिपोर्ट पर ईओडब्ल्यू (EOW) ने आरोपियों पर एफआईआर दर्ज किया है।

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  • Updated On - January 29, 2024 / 07:10 PM IST

रायपुर। डीएमएफ फंड और कस्टम मिलिंग भ्रष्टाचार (DMF Fund and Custom Milling Corruption) के प्रकरण में ईडी की रिपोर्ट पर ईओडब्ल्यू (EOW) ने आरोपियों पर एफआईआर दर्ज किया है। ईडी ने अपने जांच प्रतिवेदन में कैसे भ्रष्टाचार हुआ है। उसका पूरा खुलासा ईडी ने अपनी जांच रिपोर्ट में किया है।

डीएमएफ फंड में हुए भ्रष्टाचार के मामले में यह खुलासा हुआ

प्रर्वतन निदेशालय के रिपोर्ट पर यह पाया गया कि डीएफएफ कोरबा के फंड से विभिन्न निविदाओं के आवंटन में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं की गई है तथा गलत ढंग से निविदाओं को निर्धारण कर निविदाकर्ताओं को अवैध लाभ पहुंचाया गया है, जिसके कारण शासन को आर्थिक हानिकारित हुई है।

प्रतिवेदन में यह भी पाया गया कि कुल निविदा राशि लगभग 40 प्रतिशत की राशि लोकसेवक अधिकारिगणों को इस एवज में प्रदान किया गया तथा निजी कंपनी के द्वारा निविदाओं पर 15 से 20 प्रतिशत अलग-अलग दरों से कमीशन प्राप्त किया गया है।

  • छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में डीएमएफ में काफी अधिक मात्रा में वित्तिय अनियमितता की गई है तथा शासन को हानिकारित की गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रथम द्ष्टया यह पाया गया है कि रानू साहू एवं अन्य लोकसेवकों के द्वारा लोकसेवक के रुप में पदस्थ होते हुए अपने-अपने पद का दुरुपयोग कर विभिन्न निविदाकर्ता संजय शेण्डे, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, रिषभ सोनी, एवं बिचौलिए मनोज कुमार िद्ववेदी, रवि शर्मा, पियूष सोनी, पीयूष साहू, अब्दुल एवं शेखर के साथ मिलकर डीएमएफ में विभिन्न प्रकार की निविदाओं के आवंटन में, बिल को पास कराने के लिए किसी वस्तु के वास्तविक मूल्य से अधिक मूल्य के बिल प्राप्त किए गए थे।

  • उनका भुगतान कराने एवं इत्यादि में आपस में मिलकर आपराधिक षडयंत्र कर निविदाकर्ताओं संजय शेण्डे, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, रिषभ सोनी एवं बिचौलिए मनोज कुमार िद्ववेदी, रवि शर्मा, पीयूष सोनी, पियूष साहू, अब्दुल एवं शेखर को अवैध लाभ कारित करते हुए शासन को अवैध हानिकारित की गई, जो प्रथम द्ष्टया अपराध धारा 120-बी, 420 भादिवि एवं धारा 7 एवं 13 भ्रष्टाचार निरोध निवारण के तहत अपराध कारित किया जाना पाया गया है।

कस्टम मिलिंग के प्रकरण में 140 करोड़ रुपए की अवैध वसूली

कस्टम मिलिंग में प्रवर्तन निदेशालय ने रिपोर्ट दिया है। इसमें लिखा गया है कि विभिन्न राइस मिलर्स द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम एवं एफसीआई में जो कस्टम मिलिंग का चावल जमा किया जाता है। इस प्रक्रिया में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार कर प्रति क्विंटल के हिसाब से अवैध राशि की वसूली की गई। एवं अपने पद का दुरूपयोग करते हुए विभिन्न शासकीय अधिकारियों द्वारा राइस मिलर्स के साथ मिलीभगत कर असम्यक लाभ प्राप्त कर शासन को आर्थिक क्षति कारित की गई।

  • कुमारी प्रीतिका पूजा को मनोज सोनी, प्रबंध संचालक मार्कफेड के मारफत रोशन चंद्राकर के द्वारा निर्देश था कि उन्हीं राइस मिलर्स के बिल का भुगतान किया जाना है। जिनकी वसूली की राशि रोशन चंद्राकर को प्राप्त हुई है। किन राइस मिलर्स को भुगतान किया जाना है।

इसकी जानकारी संबंधित जिले के राइस मिलर्स एसोसिएशन के द्वारा मनोज सोनी के माध्यम से प्राप्त होती थी। आयकर विभाग के द्वारा की गई तलाशी की कार्यवाही में लगभग 1 करोड़ 6 लाख रुपए की कैश प्राप्त हुई है। जिसका कोई लेखा-जोखा नहीं है। तथा बहुत सारे आपत्तिजनक दस्तावेज एवं डिजिटल डिवाइस प्राप्त हुए हैं। लगभग 140 करोड़ रुपए की अवैध वसूली राइस मिलर्स से किया जाना पाया गया है।

राइस मिलर्स के द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम एवं एफसीआई में जो कस्टम मिलिंग का चावल जमा किया जाता है। इसमें व्यापक पैमाने में भ्रष्टाचार कर प्रति क्विंटल के हिसाब से अवैध राशि की वसूली मार्कफेड के तत्कालीन प्रबंधक संचालक मनोज सोनी एवं तत्कालीन डिस्ट्रीक्ट मार्केटिंग ऑफिसर कुमारी प्रीतिका पूजा केरकट्टा कोरबा के द्वारा लोकसेवक के रूप में पदस्थ होते हुए अपने-अपने पद का दुरुपयोग कर, छत्तीसगढ़ स्टेट राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट कैलाश रूंगटा वाइस प्रेसीडेंट पारमल चोपड़ा एवं कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर के साथ आपराधिक षडयंत्र कर की गई है।

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