मंत्री ‘चौबे’ बोले, ‘मुर्गी’ से बात करेंगे!, ‘मुर्गे-मुर्गी’ में फंसे MLA

By : madhukar dubey, Last Updated : March 20, 2023 | 3:46 pm

छत्तीसगढ़। विधानसभा के बजट सत्र (budget session of assembly) के दौरान सोमवार को अंडे, मुर्गे और मुर्गी का मामला उठा। विधायक और मंत्री के बीच रोचक बातें हुईं। सदन में ठहाके भी खूब लगे। दरअसल, धर्मजीत सिंह (Dharamjeet Singh) प्रदेश के गौठानों में मुर्गी पालन, अंडा उत्पादन की समस्या पर बात कर रहे थे। उन्होंने इस ओर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे का ध्यान दिलाया।द

धर्मजीत सिंह ने कहा- मैं अपने क्षेत्र में दौरे पर गया था, गौठान में देखा। आपके दो अधिकारी भी साथ गए थे। वहां की महिलाओं ने मुझे बताया कि पहले मुर्गियों को गोदरेज कंपनी का दाना देते थे, तो अंडे का उत्पादन अच्छा था। अब लोकल दाना देते हैं। अंडे का उत्पादन घट गया है। मंत्री जी क्या आप गोदरेज का दाना फिर से दिलवाएंगे। इस बीच एक विधायक ने कह दिया कि पहले अंडा आया या मुर्गी समझ नहीं आ रहा।

इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा- मेरे कक्ष में आना समझा दूंगा, ये सुनकर सभी हंस पड़े।

विधायक धर्मजीत सिंह ने मुर्गे के अंडा देने का किस्सा सुनाया।

रविंद्र चौबे, मुस्कुराकर बोले- कौन दो IAS गए थे पता करता हूं, मुर्गियों से वो बात किए कि नहीं, पहले ज्यादा अंडा देते अब कम दे रहे हैं। विभाग में चर्चा कर लूंगा पहले कौन सा फीड देते थे देख लेंगे। कहीं मुर्गियां एज की वजह से तो कम अंडा नहीं दे रही हैं। धर्मजीत सिंह- सभी यंग मुर्गियां हैं, एज की बात नहीं है।

सौरभ सिंह- मुर्गियों से बात करिए कि कौन सा दाना खाकर ज्यादा अंडा देंगे। चरणदास महंत- पहले वाला दाना 40 रुपए किलो था अब 20 रुपए वाला दे रहे हैं इसलिए आधा हो गया है।

रविंद्र चौबे- मुर्गियों से बात करेंगे धर्मजीत सिंह- इस पर एक किस्सा बता दूं, एक बार एक अधिकारी पोल्ट्री फॉर्म गए सभी मुर्गियों से कहा कि अंडा दो वर्ना ठीक नहीं होगा। ये देखकर सभी मुर्गियों ने 5-6 अंडे दिए, एक ने सिर्फ एक ही दिया। अधिकारी ने मुर्गी से पूछा तुमने एक क्यों दिया, मुर्गी ने कहा- आपके डर से एक दिया है मैं वैसे मुर्गा हूं, ये सुनकर विधानसभा में सभी मंत्री विधायक जोर जोर से हंसने लगे। अमरजीत भगत बोले विपक्ष वाले लेकिन मुर्गियों को अंडा देने नहीं दे रहे हैं।

गौठान में मछली पालन पर सवाल

विधायक धर्मजीत सिंह ने कृषि मंत्री से पूछा- गौठानो में मछली पालन कैसे होता है यह मेरे समझ से परे है?

विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत ने कहा मेरे खयाल से गड्ढा खोदकर मछली पालन होता होगा, ये सुनकर फिर से संदन में हंसी मजाक का माहौल बना।

इसके बाद मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया- हमने कई जगहों पर बड़े गौठान बनाए हैं, कहीं एक एकड़ में कहीं दो एकड़ में। हम गौठानों को गांवों के लिए रोजगार वाली जगह के रूप में विकसित कर रहे हैं। तो बड़ी जगहों पर पॉन्ड बनाकर मछली पालन होता है क्यों नहीं हो सकता।

रविंद्र चौबे, मुस्कुराकर बोले- कौन दो IAS गए थे पता करता हूं, मुर्गियों से वो बात किए कि नहीं, पहले ज्यादा अंडा देते अब कम दे रहे हैं। विभाग में चर्चा कर लूंगा पहले कौन सा फीड देते थे देख लेंगे। कहीं मुर्गियां एज की वजह से तो कम अंडा नहीं दे रही हैं।

धर्मजीत सिंह- सभी यंग मुर्गियां हैं एज की बात नहीं है।

सौरभ सिंह- मुर्गियों से बात करिए कि कौन सा दाना खाकर ज्यादा अंडा देंगे। चरणदास महंत- पहले वाला दाना 40 रुपए किलो था अब 20 रुपए वाला दे रहे हैं इसलिए आधा हो गया है।

रविंद्र चौबे- मुर्गियों से बात करेंगे धर्मजीत सिंह- इस पर एक किस्सा बता दूं, एक बार एक अधिकारी पोल्ट्री फॉर्म गए सभी मुर्गियों से कहा कि अंडा दो वर्ना ठीक नहीं होगा। ये देखकर सभी मुर्गियों ने 5-6 अंडे दिए, एक ने सिर्फ एक ही दिया। अधिकारी ने मुर्गी से पूछा तुमने एक क्यों दिया, मुर्गी ने कहा- आपके डर से एक दिया है मैं वैसे मुर्गा हूं, ये सुनकर विधानसभा में सभी मंत्री विधायक जोर जोर से हंसने लगे।

अमरजीत भगत बोले विपक्ष वाले लेकिन मुर्गियों को अंडा देने नहीं दे रहे हैं।