जगदलपुर। छ्त्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव होगा। चुनाव से पहले MLA टिकट को लेकर सत्ता में मंत्री-विधायक से लेकर विपक्ष के दलों के नेताओं की चिंता बढ़ गई है। आबकारी मंत्री कवासी लखमा (Minister Kawasi Lakhma) भी चिंतित हैं कि इस साल होने वाले चुनाव में पार्टी उन्हें टिकट देगी या नहीं। कवासी लखमा ने कहा, मेरी टिकट की गारंटी नहीं है। उधर, भाजपा नेता और पूर्व मंत्री केदार कश्यप (Kedar Kashyap) का कहना है कि, इन्होंने साढ़े चार साल में कुछ काम नहीं किया है। परफॉमेंस खराब है। इसलिए कांग्रेस पार्टी टिकट वितरण को लेकर कन्फ्यूजन है।
दरअसल, आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने जगदलपुर में मीडिया से बातचीत में कहा, इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में विधानसभा सीटों से चेहरा बदलेंगे या नहीं ये मेरा मामला नहीं है। न तो मैं प्रदेश अध्यक्ष हूं, और न ही छत्तीसगढ़ का प्रभारी। कांग्रेस पार्टी में मेरी खुद की टिकट की गारंटी नहीं है। टिकट वितरण का काम राहुल गांधी, कुमारी शैलजा, मोहन मरकाम का है। मैं सिर्फ पार्टी का एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं। पार्टी का झंडा बांधों, नारा लगाओ, दरी बिछाओ ये सब काम मैं करता हूं।
कवासी लखमा के बयान पर पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने पलटवार करते हुए कहा कि, जैसे-जैसे चुनाव करीब आ रहा है अपनी सरकार की वादाखिलाफी की वजह से कांग्रेस की चिंता बढ़ती जा रही है। अब कांग्रेस के लोग यह भी तय नहीं कर पा रहे हैं कि अगले चुनाव में टिकट किसको दें और किसको न दें? कांग्रेस कभी विधायकों के परफॉर्मेंस को टिकट मिलने का आधार बताती है तो कभी कहती है कि पार्टी स्तर पर सर्वे के आधार पर टिकट दिया जाएगा। फिर कहती है जो जिताऊ होगा, उसे टिकट दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने अब कह दिया कि हाईकमान जिसे कहेगा, उसे टिकट दिया जाएगा।
केदार कश्यप ने आगे कहा कि, विधानसभा चुनाव को अब महज 6 महीने रह गए हैं। प्रदेश कांग्रेस सरकार ने सर्वे कराया है। संगठन स्तर पर भी फीडबैक लिया जा रहा है। टिकट पर अंतिम निर्णय से पहले हाईकमान भी सर्वे कराता है और तब टिकट वितरण होता है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता छत्तीसगढ़ प्रवास पर आते हैं और वे कहते हैं कि जिताऊ चेहरों को टिकट देंगे। वे इस बात को मान रहे हैं कि कांग्रेस के मौजूदा विधायक जिताऊ नहीं रह गए, या जनता की नजर में फिसड्डी साबित हुए हैं। उन्होंने मोहन मरकाम पर सियासी तंज कसा है।