रायपुर। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल (Leader of Opposition Narayan Chandel) ने सबसे कम बेरोजगारी दर के प्रदेश की कांग्रेस सरकार (Congress government) के दावे को झूठ का पुलिंदा बताया है। चंदेल ने कहा कि एक ओर प्रदेश सरकार के थोथे दावे हैं और दूसरी ओर ज़मीनी सच्चाई यह है कि श्रम विभाग के कुल 34 पदों के लिए ढाई लाख आवेदन जमा हुए हैं। इससे पहले चपरासियों के 91 पदों के लिए सवा दो लाख आवेदन प्राप्त हुए थे। ये आँकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि बेरोजगारी दर को कम बताने वाले सरकारी दावे और आँकड़े पूरी तरह से फर्जी हैं, प्रदेश को गुमराह करने वाले हैं।
प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चंदेल ने कहा कि बेरोजगारी के मसले पर प्रदेश सरकार ने लगातार झूठ परोसकर न केवल छत्तीसगढ़ को छलने और धोखा देने का काम किया है, अपितु युवाओं के भविष्य तक को दाँव पर लगा दिया है। चपरासियों के 91 पद के लिए प्राप्त सवा दो लाख आवेदनों में उच्च शिक्षित युवाओं के अलावा डॉक्टर, इंजीनियर तक के आवेदन जमा होना छत्तीसगढ़ को शर्मसार करने के लिए पर्याप्त हैं। अब सहायक श्रम पदाधिकारी, श्रम निरीक्षक एवं श्रम उप निरीक्षकों के 34 पदों के लिए करीब ढाई लाख आवेदनों का जमा होना यह सवाल खड़ा करता है कि भूपेश सरकार बेरोजगारी नहीं होने के दावे किस मुंह से कर रही है?
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने सबसे कम बेरोजगारी दर के प्रदेश की कांग्रेस सरकार के दावे को झूठ का पुलिंदा बताया है। श्री चंदेल ने कहा कि एक ओर प्रदेश सरकार के थोथे दावे हैं और दूसरी ओर ज़मीनी सच्चाई यह है कि श्रम विभाग के कुल 34 पदों के लिए ढाई लाख आवेदन जमा हुए हैं। इससे पहले चपरासियों के 91 पदों के लिए सवा दो लाख आवेदन प्राप्त हुए थे। ये आँकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि बेरोजगारी दर को कम बताने वाले सरकारी दावे और आँकड़े पूरी तरह से फर्जी हैं, प्रदेश को गुमराह करने वाले हैं।
प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री चंदेल ने कहा कि बेरोजगारी के मसले पर प्रदेश सरकार ने लगातार झूठ परोसकर न केवल छत्तीसगढ़ को छलने और धोखा देने का काम किया है, अपितु युवाओं के भविष्य तक को दाँव पर लगा दिया है। चपरासियों के 91 पद के लिए प्राप्त सवा दो लाख आवेदनों में उच्च शिक्षित युवाओं के अलावा डॉक्टर, इंजीनियर तक के आवेदन जमा होना छत्तीसगढ़ को शर्मसार करने के लिए पर्याप्त हैं। अब सहायक श्रम पदाधिकारी, श्रम निरीक्षक एवं श्रम उप निरीक्षकों के 34 पदों के लिए करीब ढाई लाख आवेदनों का जमा होना यह सवाल खड़ा करता है कि भूपेश सरकार बेरोजगारी नहीं होने के दावे किस मुंह से कर रही है?।
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