नई पुनर्वास नीति : 10 लाख के इनामी नक्सली दंपत्ति ने किया सरेंडर

छत्तीसगढ़ शासन की 'नई नक्सल आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति' और जिले में चलाये जा रहे नक्सल अभियान के कारण नक्सलियों के हिंसक और शोषणकारी

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  • Updated On - January 18, 2025 / 09:32 PM IST

कवर्धा/। छत्तीसगढ़ शासन की ‘नई नक्सल आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति’ (‘New Naxal Surrender and Rehabilitation Policy’)और जिले में चलाये जा रहे नक्सल अभियान के कारण नक्सलियों के हिंसक और शोषणकारी विचारधारा से तंग आकर कई माओवादी विकासशील समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय ले रहे हैं। बस्तर क्षेत्र के साथ साथ कबीरधाम जिले में इसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है. आज इसी पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर 10 लाख ईनामी नक्सली दंपत्ति रमेश और रोशनी ने भी आत्मसमर्पण (Naxalite couple Ramesh and Roshni, carrying a reward of Rs 10 lakh, also surrendered.)कर दिया है, जो कुख्यात नक्सली कमांडर हिडमा के गांव पूवर्ती निवासी हैं. दोनों पर 5-5 लाख रुपए का ईनाम रखा गया था।

जानकारी के मुताबिक, रमेश उर्फ मेस्सा बोड़ला एरिया कमेटी विस्तार प्लाटून नंबर 3 का डिप्टी कमांडर था। वहीं उसकी पत्नी रोशनी उर्फ हिड़में भी बोड़ला एरिया कमेटी विस्तार प्लाटून नंबर 3 की सदस्य थी। दोनों ने आज कबीरधाम पुलिस के पास जाकर सरेंडर किया है। इन दोनों पर थाना तरेगांव में दर्ज 2-2 नक्सल अपराध दर्ज हैं। ‘रमेश उर्फ मेस्सा’ ने नक्सली संगठन में डिप्टी कमांडर के रूप में काम करते हुए कई हिंसक गतिविधियों को अंजाम दिया था एवं पुलिस के साथ मुठभेड़ में शामिल रहा वह संगठन में रहने के दौरान एस एल आर राइफल धारी रहा है. वहीं, ‘रोशनी उर्फ हिड़में’ संगठन की प्रशिक्षित सदस्य थी, जो नक्सली हिंसा में सक्रिय भूमिका निभाती रही और संगठन में इन्सास राइफल धारी थी। दोनों ने संगठन में व्याप्त आंतरिक संघर्ष, अमानवीय व्यवहार, स्थानीय आदिवासियों पर अत्याचार, और जंगलों में जीवन की कठिनाईयों से परेशान होकर आत्मसमर्पण का निर्णय लिया।

कबीरधाम पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह छवई ने बताया कि आत्मसमर्पित नक्सली दंपत्ति को छत्तीसगढ़ शासन की ‘पुनर्वास नीति’ के तहत दोनों को पृथक-पृथक 25,000-25,000 रुपये (कुल 50,000 रुपये) की प्रोत्साहन राशि तत्काल नगद प्रदान की गई। इसके साथ ही भविष्य में 3 वर्ष तक 10,000 रुपए मासिक स्टाइपेंड राशि, नि:शुल्क आवास एवं भोजन, स्किल डेवलपमेंट हेतु प्रशिक्षण, कृषि भूमि और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। आपको बताते चले कि अब तक जिले में 8 ईनामी नक्सलियों सहित कुल 9 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं और समाज की मुख्यधारा में जुड़ चुके हैं।

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