रायपुर। छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर साय सरकार नया कानून(Government new law regarding religious conversion in Chhattisgarh) लाने जा रही है. छत्तीसगढ़ धर्म स्वातंत्र्य कानून में नियमों का उल्लंघन या जबरिया धर्म परिवर्तन कराने वाले को कड़ी सजा का प्रावधान होगा. इस कानून के बाहर जाकर कोई धर्म बदलेगा तो उसको मान्यता नहीं दी(If someone changes his religion outside the law then it will not be recognized.) जाएगी. इसके अलावा प्रलोभन या दबाव डालकर धर्म परिवर्तन करने वाले को दोषी मानते हुए उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान में धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए कोई कानून नहीं है. किसी धर्म के अनुयायी के कहने पर लोग दूसरे धर्म को स्वीकार कर लेते हैं, और उनकी पूजा पद्धति अपनाकर अपने आपको उस धर्म का अनुयायी कहने लगते हैं. इस पर बंदिश लगाने के लिहाज से धर्मांतरण की पूरी प्रक्रिया को एक कानून के कायदे में लाया जा रहा है.
बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ का गृह विभाग फिलहाल विभिन्न राज्यों में इस संबंध में बनाए गए नियम कानून का अध्ययन कर रहा है. जिन राज्यों में बेहतर कानून है, उसके प्रावधान यहां लागू किए जाएंगे. आठ से दस राज्यों की कानूनों की बारीकियों को ध्यान में रखकर ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है.
इसमें उत्तर प्रदेश का कानून सबसे मजबूत बताया जा रहा है. इस कारण उत्तरप्रदेश में धर्म स्वातंत्र्य कानून का बहुत अधिक हिस्सा यहां लिया जाएगा. इसके तहत एक प्रक्रिया बनाने के साथ ही दोषी लोगों को कड़ी सजा देने की प्रक्रिया का खासतौर पर ध्यान दिया जा रहा है.
प्रदेश के आदिवासी बहुत क्षेत्रों में खासकर बस्तर, जशपुर, रायगढ़ क्षेत्र में बड़े पैमाने पर आदिवासियों को ईसाई धर्म में लिया जा रहा है. यह विवाद का विषय बना हुआ है. बस्तर के नारायणपुर क्षेत्र में तो यह गुटीय संघर्ष में तब्दील हो चुका है. आदिवासी और धर्म परिवर्तन करने वाले आदिवासियों के बीच गाहे-बगाहे विवाद की स्थिति बनती रहती है. पुलिस को बार-बार बीच-बचाव करना पड़ता है.
बता दें कि धर्मांतरण का विवाद लोगों को आत्महत्या के लिए मजबूर कर रहा है. हाल में दो युवकों ने धर्मांतरण के दबाव से तंग आकर आत्महत्या कर ली है. दुर्ग और धमतरी क्षेत्र में इन युवकों की पत्नी और अन्य परिवार के सदस्यों ने ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया था, जिसके बाद धर्मांतरण के लिए दबाव बना रहे थे, जिससे व्यथित युवकों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.
धर्मांतरण के खिलाफ पिछले 11 महीने में छत्तीसगढ़ में 13 एफआईआर की जा चुकी है. इसके अलावा बस्तर संभाग में ही धर्मांतरण की अलग-अलग 23 शिकायतें पुलिस को की जा चुकी हैं. यह मामला लगातार गंभीर होता जा रहा है. बड़े बोदल वाले मामले में गत दिवस बस्तर बंद का आह्वान किया गया था.
धर्मांतरण को लेकर नए कानून लाए जाने का संकेत देते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि धर्मांतरण, मतांतरण, और बाद में राष्ट्रांतरण का रूप लेता है. हिंदू जब-जब बंटे तो मुगलों और अंग्रेजों ने राज किया. इस पर कड़ा कानून आना चाहिए. धर्म विरासत पर मिलती है, यह किसी की अर्जित की गई सम्मति नहीं है.
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