अब बंदूकें छोड़ युवाओं के कदम स्वरोजगार की ओर बढ़े, पढि़ए धुर नक्सली दंतेवाड़ा की दांस्ता
By : hashtagu, Last Updated : November 6, 2022 | 11:21 am
छत्तीसगढ़। एक वक्त था, जब दंतेवाड़ा धुर नक्सली इलाकों में बारुदी सुरंगें और गोलियों के तड़तड़ाने की गूंज हर दिन कहीं न कहीं सुनाई देती थी। कारण भी था, यहां फैली गरीब और अशिक्षा। साथ ही यहां न तो खेती किसानी के संसाधन थे और न ही व्यवसाय के। इसके भी नहीं होने की वजह थी, सरकारी योजनाएं धरातल पर नहीं उतर सकी थीं। जब भी यहां मूलभूत सुविधाओं को मजबूत बनाने के लिए पूर्ववर्ती सरकारों जब भी कोई कदम उठाती थीं तो यहां नक्सली बंदूकों के आतंक से रोक देते थे। ऐसे में यहां सालों से लोग जागरूक नहीं हो पाए।
नक्सली जल जंगल और जमीन के हक के जंग की आग में आदिवासियों को झोंक दिया। जिससे वे काफी सालों तक विकास के हर पैमाने पर पिछड़े थे, लेकिन अब धीरे-धीरे वहां संचार व्यवस्था और मूलभूत सुविधाओं के विकास की रोशनी में आदिवासियों का एक बड़ा तबका जागरूक हो चुका है। वे अब सरकारी योजना के माध्यम से अपनी खुद के हालात सुधार रहे हैं। हां, इतना तो तय है कि पूर्ववर्ती और वर्तमान सरकार भी दंतेवाड़ा ही नहीं समग्र नक्सली इलाकों के विकास पर फोकस कर रही हैं।
वैसे इसके नतीजे भी उत्साहजनक दिख रहे हैं। वहीं सरकार द्वारा संचालित पूना माड़ाकाल सेल के माध्यम से आदिवासी युवाओं और अन्य उम्र के लोगों को रोजगार और स्वरोजगार के क्षेत्र में काम रही है। इसके माध्यम से जो युवा कभी नक्सली मूवमेंट से जुड़ते थे, वे अब रोजी रोजगार के क्षेत्र में अपने घर पर रहकर उन्नति करते दिख रहे हैं। अगर हम बीते वर्षों की बात करें तो दंतेवाड़ा के ही नहीं अन्य नक्सली इलाकों के युवा नक्सली मूवमेंट से जुड़ते रहे हैं। लेकिन सरकार के अथक प्रयास अब वे समाज की मुख्य धारा से जुड़ने लगे हैं।
सेल ने खोला नक्सली इलाकों में खोला युवाओं के लिए रोजगार व स्वरोजगार का रास्ता
जिले में लोगों को रोजगारोन्मुखी अवसर प्रदान करने के लिए जिले के सभी विकासखंड स्तर पर पूना माड़ाकाल सेल का गठन किया गया है। इस सेल के तहत जो स्थानीय निवासी स्वरोजगार चाहते है, ऐसे इच्छुक हितग्राही आवेदन कर रोजगार प्राप्त कर सकते है। जिले मे पूना माड़ाकाल सेल के तहत स्वरोजगार तथा रोजगार के अनगिनत अवसर प्रदान किया जा रहा है। आज के समय में स्वरोजगार बेरोजगारी दूर करने का अति उत्तम विकल्प है जिससे जिले की उन्नति भी हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में आम नागरिकों की सामाजिक आर्थिक दशा को सुधारने के लिए विशेष रूप से कार्य किये जा रहे है। इसी तरह जिले के समस्त विकासखण्ड पर गठित पूना माड़ाकाल सेल के तहत बेरोजगारों को सतत आजीविका उपलब्ध कराया जा रहा है। ताकि वे सामाजिक विकास में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर आर्थिक सशक्तीकरण को बढ़ावा दें।
सिर्फ दंतेवाड़ा में अब तक पूना माड़ाकाल सेल में हजारों आवेदन रोजगार के लिए मिले
अब तक पूना माड़ाकाल सेल के तहत 3180 प्राप्त आवेदनों में से 941 आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है। 2239 आवेदन पर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। पात्र हितग्राहियों को उनकी मांग अनुसार कार्य जैसे मछली पालन हेतु बीज प्रदाय, सब्जी बीज प्रदाय, डबरी निर्माण, भूमि समतलीकरण, कुआं निर्माण, तालाब निर्माण, तार जाली, बोर खनन, बाड़ी विकास योजना तहत बोर खनन, सोलर पंप, सिलाई मशीन, स्वरोजगार हेतु ऋण प्रदाय, सब्जी दुकान, किराना दुकान, मुर्गी पालन, पशु शेड निर्माण, शामिल हैं। पूना माड़ाकाल सेल के माध्यम से नक्सल पीड़ित परिवारो को भी आजीविका के साधन उपलब्ध कराए जा रहे है।
जरूरतमंदों के इन 33 योजनाओं का भी मिल रहा लाभ
पीड़ितों के लिए ऐसी 33 योजनाए चिन्हित की गई है उन्हे राशन कार्ड, आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, ई-श्रम कार्ड इत्यादि से लाभान्वित कराया जा रहा है। पूना माड़ाकाल सेल में मुख्यतः नलकूप खनन, तार फेंसिंग, बोर खनन, प्रिंकलर, सोलर पंप, बिजली कनेक्शन, बकरी पालन, पशु शेड, सूअर पालन, मुर्गी पालन, भूमि मरम्मत, भूमि समतलीकरण, इत्यादि के आवेदन प्राप्त किये गए है। जिनका निराकरण सेल के माध्यम से किया जा रहा है।
होने लगे हैं युवाओं के सपने साकार
रोजगार की शुरुआत करने के लिए जहां लोगों के लिए उनका आर्थिक रूप से मजबूत न होना एक बड़ी बाधा बनी रहती है। इसके चलते वे अपने सपने को साकार नहीं कर पाते थे। वहीं जिला प्रशासन द्वारा जिले में पूना माड़ाकाल सेल की स्थापना के बाद सपने साकार होने लगे है। जिससे तहत इच्छुक हितग्राहियों जो रोजगार, स्वरोजगार से जुड़ना चाहते है उन्हें उनका पसंदीदा कार्य देकर उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने का प्रयास किया जा रहा है। इस सेल के तहत लोग अपनी रुचि के हिसाब से स्वरोजगार से जुड़ कर अन्य लोगों को प्रोत्साहित कर रहे हैं।अब जिला प्रशासन की नेक पहल से बड़ी संख्या में रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा। पूना माड़ाकाल सेल के तहत जिले में हर क्षेत्रों में लोगों को रोजगार देकर उनकी आर्थिक सुदृढ़ीकरण के लिए अथक प्रयास किये जा रहे हैं।