अब हम ‘बुझाएंगे’ जंगल की आग,’दंडकारण्य’ की वन ‘देवियां’!, भूपेश का ‘Tweet’
By : madhukar dubey, Last Updated : April 21, 2023 | 2:10 pm
इधर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने भी अपने ट्विटर पर इनकी सराहना की। साथ इनके जोश को सलाम भी किया। सीएम ने लिखा, अब हम बुझाएंगे जंगलों की आग..। वन रक्षा के लिए सामने आईं महिलाएं। मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghelने की सराहना। बिलासपुर जिले के बेलतरा की “जय मां शारदा समूह” की महिलाओं ने जंगल को आग की लपटों से बचाने मिसाल पेश की है। महिलाएं स्वयं आगे आकर वनकर्मियों के साथ अपनी भागीदारी निभा रहीं हैं। हरी साड़ी पहनकर रमशीला बाई सोरठे, अनारकली आयाम, सोनम बाई, सत कुमारी मरावी , उमा महंत,जानकी बाई उइके बनी हैं जंगल की रक्षक।
जंगल को आग की लपटों से बचाने महिलाओं ने पेश की मिसाल
गौरतलब है कि वनों को अग्नि से बचाव अत्यंत आवश्यक है। वन विभाग के अनुसार अग्नि सीजन 15 फरवरी से प्रारंभ हो गया है तथा 15 जून तक वनों को अग्नि से बचाना विभाग की प्राथमिकता में है। इस तारतम्य में वन विभाग द्वारा वनों को आग से बचाने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। ग्रामीणों को किए जा रहे जागरूकता अभियान से प्रभावित होकर वनमंडल बिलासपुर अंतर्गत जय मां शारदा महिला समूह की महिलाएं जंगल को आग की लपटों से बचाने के लिए स्वयं आगे आकर वन विभाग के सामने अपना प्रस्ताव रखा।
स्वयं आगे आकर वनकर्मियों के साथ निभा रही अपनी भागीदारी
महिलाओं की उत्सुकता एवं जागरूकता को देखते हुए वन मण्डलाधिकारी बिलासपुर श्री कुमार निशांत द्वारा अपने अधीनस्थ वन कर्मचारियों को निर्देशित किया गया कि महिलाएं जो इस विशेष कार्य के लिए आगे आयी हैं उन्हें जंगल में लगे आग को बुझाने के लिए प्रशिक्षित किया जाए और प्रोत्साहित भी किया जाए। वन विभाग द्वारा हरियाली के प्रतीक स्वरूप इन महिलाओं को हरे रंग की साड़ी का वेश-भूषा दिया गया है और फायर ब्लोवर मशीन से जंगल के आग को काबू पाने के संबंध में प्रशिक्षित भी किया गया। जंगल को आग से बचाने ग्रामीण महिलाओं द्वारा निःशुल्क कार्य किया जा रहा है। इस कार्य में वनकर्मी भी इनके साथ में रहते हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य में पहला वनमंडल बिलासपुर है, जो अपने जंगल के प्राकृतिक पुनरोत्पादन, जड़ी-बूटी, कीमती लकड़ी, फल-फूल को बचाने के लिए अनोखा प्रयास किया गया है। वन ही जीवन है को चरितार्थ करते हुए ये महिलाएं समझ गयी हैं कि वन में होने वाले जड़ी-बूटी, फल-फूल का उपयोग हम लोग स्वयं करते हैं, इससे हमें अतिरिक्त आय होती है और ये सभी हमारे अनमोल धरोहर हैं। आने वाले कल को ध्यान में रखते हुए इसकी सुरक्षा करना हमारा पहला कर्तव्य है। इन्ही भावनाओं के साथ ये सभी महिलाएं जंगल में आग लगने की सूचना मिलते ही तत्काल वनकर्मियों के साथ आग बुझाने निकल पड़ती हैं। जिन महिलाओं ने ये बीड़ा उठाया है, उनमें प्रमुख रूप से रमशीला बाई सोरठे, अनारकली आयाम, सोनम बाई, सत कुमारी मरावी, उमा महंत व जानकी बाई उइके आदि शामिल हैं।
अब हम बुझाएंगे जंगलों की आग…..
वन रक्षा के लिए सामने आईं महिलाएं
मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel
ने की सराहना।
– बिलासपुर जिले के बेलतरा की "जय मां शारदा समूह" की महिलाओं ने जंगल को आग की लपटों से बचाने मिसाल पेश की है। महिलाएं स्वयं आगे आकर वनकर्मियों के साथ अपनी भागीदारी… pic.twitter.com/Xrp20zK5CN— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) April 21, 2023