अब इमरजेंसी में ड्रोन से ‘भेजेंगे’ खून के नमूने! दूरस्थ क्षेत्रों के लिए वरदान…VIDEO
By : hashtagu, Last Updated : February 19, 2024 | 9:59 pm
रायपुर। भारत सरकार के पायलेट प्रोजेक्ट यूज ऑफ ड्रोन टेक्नॉलॉजी इन हेल्थ सर्विस डिलीवरी (Drone Technology in Health Service Delivery) के लिए छत्तीसगढ़ से अंबिकापुर स्थित राजमाता देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय का चयन हुआ। इसके अंतर्गत ड्रोन के माध्यम से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उदयपुर (Community Health Center Udaipur) से ब्लड सैंपल शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में प्राप्त किया जायेगा और जांच उपरांत रिपोर्ट सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उदयपुर भेजी जायेगी। इसके क्रियान्वयन के लिए प्रथम चरण में प्रयोग के तौर पर राजमाता श्रीमती देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में सोमवार को प्रथम ड्रोन ट्रायल किया गया। मेडिकल कॉलेज से 40 कि.मी. दूर उदयपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से ड्रोन के माध्यम से जाँच हेतु ब्लड सैम्पल एवं ओटी कल्चर हेतु सैंपल ड्रोन से भेजे गये।
गौरतलब है कि राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल राज्य में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए लगातार तत्पर हैं। इसी तारतम्य में हाल ही में राज्य में 250 से ज्यादा मेडिकल आफिसर तथा विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति भी की गयी है।
- सरगुजा एवं बस्तर क्षेत्र के दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की लैब में कई जांच नहीं होती हैं और इन्हें निकटतम रेफर सेंटर्स में भेजना पड़ता है। ऐसी स्थिति में ड्रोन सुविधा मरीजों के लिए वरदान साबित हो सकती है। ट्रायल परीक्षण में ड्रोन को मेडिकल कालेज अम्बिकापुर से उदयपुर पहुचने मे 30 मिनट का समय लगा जहां उदयपुर के झिरमिटी स्टेडियम ग्राउंड मे उसका सफल लैडिंग कराया गया। इनके द्वारा 15 मिनट के अंदर ब्लड सैपल जिसका वजन लगभग 600 ग्राम था, ड्रोन मे लोड किया गया व वापस ड्रोन को मेडिकल कालेज अम्बिकापुर भेज दिया गया।
इस प्रोजेक्ट हेतु दो स्व-सहायता समूह की ड्रोन दीदीयों को, ड्रोन संचालन की ट्रेनिंग हेतु दिल्ली भेजा गया था। जिसमें से सैंपल लोडिंग एवं अनलोडिंग के कार्य हेतु एक ड्रोन दीदी को उदयपुर एवं एक ड्रोन दीदी अम्बिकापुर के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इस प्रोजेक्ट के सफल होने पर राज्य के समस्त जिलों में इसे लागू किया जायेगा। दूरस्थ इलाके से भर्ती मरीज को तत्काल जांच एवं सैपल रिपार्टिग की जानकारी वायु परिवहन के माध्यम से सुविधा उपलब्ध कराना सरगुजा जिले के लिए एक वरदान साबित हो सकती है।
इनपुट (भोजेंद्र वर्मा)
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