छत्तीसगढ। अब प्रदेश में कोयला ट्रांसपोर्टिंग के मनी लांड्रिंग की कारवाई के बाद केंद्र सरकार ने ईडी (ED) को यहां आनलाइन गेम (Online Games) की जांच करने के निर्देश दिए है। जिसके मद्देनजर दुर्ग जिले आनलाइन गेम महादेव एप के रैकेट के खिलाफ फेमा में केस दर्ज कर लिया है। क्योंकि ईडी को पुख्ता प्रमाण मिले हैं की इस गेम के जरिए विदेशों में 5 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा लेनदेन किए गए हैं। इसके जिन बैंक खातों के इस्तेमाल किए गए है। वे शैल कम्पनियों के खाते की तरह है। इनके माध्यम से काली कमाई को सफेद करने का हथियार बनाया गया है।
इधर, कल इस मामले को लेकर संसद में राजनांदगांव के सांसद संतोष पाण्डेय ने आनलाइन महादेव एप का मुद्दा भी उठाया था। उन्होंने आरोप लगाया था की राजनीतिक लोग भी फंडिंग किए है। इसकी जांच भी ईडी से कराई जानी चाहिए।
सूत्रों के हवाले से खबर है दुर्ग के व्यक्ति ने 7 पन्नों की शिकायत ईडी से पिछले दिनों की थी। इसमें मिले तथ्यों की प्रथिमक स्तर पर सही प्रतीत होने के बाद ईडी ने फेमा में दर्ज कर लिया है। उनको प्रदेश पुलिस की जांच की पारदर्शिता पर संदेह हैं। क्योंकि आनलाइन गेम के जरिए काली कमाई को खपाने के खेल में ब्यूरोकेट्स और नेता सहित सफेदपोश शामिल हैं।
ईडी को की गई शिकायत में बताया गया है कैसे रैकेट ने कब आनलाइन गेम बनाया। इसके संचालन में कौन कौन हैं। उनका काम क्या क्या है। राज्य में वे किस किस काम की लाईजिनिग कर रहे है।
बता दें, ईडी ने इस पूरे मामले की जानकारी दुर्ग पुलिस से पत्र के जरिए पूरी जानकारी मांगी थी। इसमें दुर्ग पुलिस ने कब कब क्या कारवाई की है। इसके अलावा पूरे प्रकरण के चार्जशीट भी ईडी ने मांगी है। मेल के माध्यम से भी पूरी डिटेल मांगी गई है। इसमें अभी तक 250 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने जांच में दावा किया है की इस एप को हैदराबाद की कम्पनी ने बनाया है। इसे अलग अलग नाम से चलाया जा रहा है। इसमें पुलिस ने दुर्ग के सौरभ चंद्राकर, रवि उत्तल, कपिल चेलानी सहित कई लोग गिरफ्तार किए गए हैं। इन लोगों का रैकेट अलग अलग एप के माध्यम से इसका संचालन कर रहे हैं। इस पूरे खेल में कोयला, सराफा,स्क्रैप, सरिया जैसे कारोबारी इसमें शामिल हैं।