रायपुर। दुर्ग जिले के अमलेश्वर में चल रही शिव महा पुराण कथा (Shiva Maha Purana Katha) में पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) ने कहा कि सनातनियों को चार बच्चे पैदा करना चाहिए। दो अपने लिए और दो राष्ट्र के लिए। जब तक कानून नहीं आता तब तक ज्यादा बच्चे पैदा करें। उन्होंने आगे कहा कि धर्म में राजनीति और राजनीति धर्म में चलता आया है।
उन्होंने कहा कि आप स्कूल जाएंगी, कॉलेज जाएंगी, ट्यूशन जाएंगी। वहां आपको 100 तरह के लड़के मिलेंगे। मगर इन 100 लड़कों के साथ आप 100 साल की जिंदगी नहीं जी सकते। आपके पापा ढूंढ़कर लाएंगे, उसके साथ जिंदगी 100 साल तक सही जी सकते हैं।
अमलेश्वर में 26 मई से पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा चल रही है। 2 जून तक चलने वाले इस आयोजन में हर दिन 1 लाख के आस-पास लोग पहुंच रहे हैं। कथा का क्रेज इसी से समझिए कि यहां 29 मई को आए 70 साल के एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी।
धरसींवा के तीरथ राम साहू को चक्कर आ गया था। परिजन उप स्वास्थ्य केंद्र अमलेश्वर ले गए, जहां पर डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। इसके बाद भी भीड़ हर दिन बढ़ रही है। लोगों को पंडाल में जगह नहीं मिल रही। सड़क और नालियों के किनारे बैठकर लोग कथा सुन रहे हैं।
इस दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा- बार-बार जन्म होगा, मृत्यु होगी। मृत्यु लोक में जन्म लेना सरल है, लेकिन महादेव की भक्ति और कीर्तन पाना कठिन है। यहां 46 से 47 डिग्री की भीषण गर्मी के बाद भी आप सब भगवान शिव की कथा का लाभ लेने पहुंचे हैं। इससे बड़ा कोई लाभ नहीं हो सकता।
क्रोध भाव से लाया सामान स्वीकारते नहीं शिव- उन्होंने कहा कि शिवजी की पूजा पड़ोसन की देखकर मत करना, यह गलत बात है। पूजा में पड़ोसन ने क्या-क्या चीज चढ़ाई है, यह तुम्हें नहीं मालूम रहता है और अपने पति को वह चीज लाने के लिए कहती हैं, तो उस समय पति क्रोधित होकर वे चीज लाने चले जाते हैं, लेकिन वह प्रेम से नहीं लाता है। इसलिए भगवान शिव उसे नहीं स्वीकारते।
भोलेनाथ देंगे करोड़ों की प्रॉपर्टी- पंडित प्रदीप मिश्रा ने युवाओं से कहा तुम सिर्फ भोलेनाथ से यह कहो कि न हम चांद, सूरज और तारे ला सकते है, हमारे पास कुछ नहीं हैं भोलेनाथ, आपने हमें जन्म दिया है वह सब आपको समर्पित है और मेरा दिल आपके लिए है। तुम्हें करोड़ों की प्रॉपर्टी मिल जाएगी।
ये करने से दूर होगा पितृदोष- प्रदीप मिश्रा ने कहा कि हम जब भी मंदिर जाते हैं, तो कहीं पर भी दीए जला देते हैं और उसे वहीं छोड़कर आ जाते हैं। लेकिन छोड़े हुए दीए का महत्व बहुत बड़ा है। बुझे दीपक को एकत्र कर एक जगह रख दें। भगवान शंकर को प्रणाम कर वापस आ जाएं। आप पर जो पितृदोष था वह दूर हो जाएगा।
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