आरक्षण पर ‘भूपेश-रमन’ में सियासी भिड़ंत!, देखें VIDEO

By : madhukar dubey, Last Updated : February 7, 2023 | 8:50 am

छत्तीसगढ़। (Reservation Bill) आरक्षण विधेयक को रोके जाने के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राजभवन को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही प्रदेश के राजनीतिक दलों का टकराव बढ़ता दिख रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह (Dr. Raman Singh) ने एक बयान में कहा, हाईकोर्ट ने ही जब 56% आरक्षण को रोक दिया तो वहां 82% आरक्षण कैसे वैलिड होगा। इसपर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, यह 56..56.. क्या है? रमन सिंह जी! यहां बात मोदी जी के स्वघोषित सीने के नाप की नहीं बल्कि आरक्षण की हो रही है।

रायपुर हवाई अड्‌डे पर राजभवन को नोटिस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा, हाईकोर्ट के फैसले के आधार पर ही तो आरक्षण रुका हुआ है। हाईकोर्ट ने 56% आरक्षण को रोक दिया। जब 56% को रोक दिया तो 82% कैसे वैलिड हाेगा। ये तो सवाल उसी में था। उसी में मैसेज छिपा है। 56% को निरस्त करने वाला हाईकोर्ट है ना। जब उसने 56% को निरस्त कर दिया तो 82% वैलिड कैसे होगा। खैर इसका जवाब दे देंगे।

देर शाम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रमन सिंह के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, 56.. 56.. 56.. 56.. क्या है 56? “जगत प्रवक्ता’ डॉ. रमन सिंह जी! यहां बात मोदी जी के स्वघोषित सीने के नाप की नहीं बल्कि आरक्षण की हो रही है।

पूर्व में आरक्षण 58% था, ना कि 56% और अभी 76% आरक्षण प्रस्तावित है ना कि 82%। मुख्यमंत्री ने लिखा, जब विधानसभा द्वारा नवीन आरक्षण विधेयक सर्वसम्मति (भाजपा सहित) से पारित किया गया तब क्या विधानसभा में 76% आरक्षण विधेयक को मंजूरी देते समय रमन सिंह जी को यह जानकारी नहीं थी कि पूर्व में 56% आरक्षण प्रावधान निरस्त किया गया था तब 76% आरक्षण कैसे संभव होगा। अगर यह संभव नहीं था तो विधानसभा में उनके द्वारा उक्त आधार पर विधेयक के विरोध में मत क्यों नहीं दिया गया।

रमन सिंह के बयान पर कांग्रेस ने भी घेरा

रमन सिंह के बयान पर प्रदेश कांग्रेस ने भी घेरा है। कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, बिलासपुर उच्च न्यायालय द्वारा आरक्षण मसले पर राज्यपाल को भेजे गए नोटिस के मामले में रमन सिंह द्वारा यह बयान दिया जाना कि ‘नोटिस का जवाब दे दिया जायेगा’ बेहद ही आपत्तिजनक बयान है।

रमन सिंह बताएं कि वह किस हैसियत से उच्च न्यायालय द्वारा राज्यपाल को भेजे गए नोटिस के संबंध में टिप्पणी कर रहे हैं? उच्च न्यायालय ने नोटिस राजभवन को भेजा है जवाब राजभवन की तरफ से आना चाहिए। भाजपा नेता क्यों और कैसे जवाब दे रहे यह इस बात का प्रमाण है कि आरक्षण मामले में राजभवन, भाजपा के सुर एक है।