रायपुर। शिक्षा विभाग में ट्रांसफर-पोस्टिंग (Education department’s ‘transfer scam’) में हुई गड़बड़ी को लेकर BJP ने अब इसे सियासी रंग दे दिया है। आज बीजेपी के नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस के जरिए कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोला है। कहा कि शिक्षा जगत में माफियाराज आ गया है। कांग्रेस के नेताओं पर सेटिंग का खेल चला। प्रमोशन किए गए। अब अफसरों पर कार्रवाई की बात सरकार कर रही है। इसका मतलब गड़बड़ी हुई ये तो सरकार ने ही स्वीकार लिया।
इस मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस लेने भाजपा में महामंत्री ओपी चौधरी मीडिया के सामने आए। उन्होंने कहा- कांग्रेस के राज में पूरी तरह से सेटिंग का काम चल रहा है। शराब, कोल, के बाद अब शिक्षा के सेक्टर से पैसा जमाकर सोनिया गांधी तक पहुंचाया जा रहा है।
चौधरी ने कहा- 15 हजार पदों पर पदोन्नति की गई। सहायक शिक्षकों को हेडमास्टर बनाया गया मगर कोई काउंसिलिंग नहीं हुई। फिर से 12 हजार सहा की िशक्षकों के प्रमोशन में ऐसा ही करने की तैयारी थी। भाजपा ने विरोध किया तो दबाव में आकर काउंसिलिंग हुई। मगर शिक्षकों को दूर की पोस्टिंग दी गई, उसके बाद पैसे लेकर पोस्टिंग में संशोधन किया गया।
एक दिन पहले ही शिक्षामंत्री रविंद्र चौबे ने सहायक शिक्षक पदोन्नति के पोस्टिंग में हुए लेनदेन की पुष्टि के बाद सभी पोस्टिंग रद्द कर नए सिरे से लिस्ट जारी करने को कहा है। साथ ही दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। शिक्षक प्रमोशन के बाद संशोधित पोस्टिंग लिस्ट को निरस्त किया जाएगा। वहीं निलंबित हुए सभी जेडी के खिलाफ एफआईआर के भी निर्देश हैं।
ओपी चौधरी ने कहा कि शिक्षक प्रताड़ित हो रहे हैं। अब उनके पदास्थपना को निरस्त किया जा रहा है। जबकि ट्रांसफर पोस्टिंग और प्रमोशन तो कांग्रेस नेताओं के लैटर के आधार पर हुए। अधिकारियों पर कार्रवाई की बात हो रही है, ज्वाइंट डायरेक्टर स्तर के अफसरों पर DEO पर कार्रवाई हो रही है। केवल अफसरों को माफिया राज का एक माेहरा बनाया गया है। कांग्रेस के नेता भी इसके जिम्मेदार हैं।
भाजपा प्रदेश महामंत्री चौधरी ने कहा कि कांग्रेसी नेताओं के समर्थन से चल रहे शिक्षक तबादला घोटाले में जिस प्रकार की खबरे जनता के बीच आयी हैं वो वह कांग्रेस की भ्रष्टाचारी मानसिकता का पुख्ता प्रमाण है। जॉइंट डायरेक्टर द्वारा 778 शिक्षकों के ट्रांसफर आदेश संशोधित किए गए थे, जिसमें लाखों रुपए का लेनदेन हर शिक्षक से किया गया था। कांग्रेस जवाब दे इस घोटाले के पीछे किसका हाथ है? इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए।
पहला सवाल – आखिर माननीय हाईकोर्ट को शिक्षकों का तबादला आदेश निरस्त क्यों करना पड़ा?
दूसरा सवाल – 15 हजार शिक्षकों की प्राइमरी स्कूल हेड मास्टर में प्रमोशन के बाद पदस्थापना में काउंसलिंग क्यों नहीं की गई?
तीसरा सवाल – 12 हजार शिक्षकों के प्रमोशन के बाद पदस्थापना में भारी पैसा लेकर संशोधन क्यों किया गया?
चौथा सवाल – आखिर इस भ्रष्टाचार के पीछे के मूल सरगना कांग्रेसियों पर कार्यवाही कब की जायेगी?
पांचवा सवाल – अधिकारियों पर कार्यवाही करके मोहरों को कब तक प्रताड़ित करेंगे? जांच आयोग के गठन का साहस कब जुटा पायेंगे?
यह भी पढ़ें : चीन के मुद्दे पर चढ़ा सियासी रंग! भूपेश बोले, राहुल गांधी उठा रहे सवाल पर PM झूला झूल रहे हैं