डायरिया & मलेरिया पर छिड़ी सियासी जंग! ‘भूपेश और मंत्री श्याम बिहारी’ में वार-पलटवार…

मानसून बीमारियों की चपेट में कथाकथित मौतों की वजह डायरिया बताई जा रही है। बीजापुर जिले के गंगालूर पोटाकेबिन सहित आसपास

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  • Updated On - July 14, 2024 / 08:30 PM IST

रायपुर। मानसून बीमारियों की चपेट में कथाकथित मौतों की वजह डायरिया बताई जा रही है। बीजापुर जिले के गंगालूर पोटाकेबिन सहित आसपास के इलाकों में 187 बच्चे मलेरिया (187 children malaria) की चपेट में आ गए हैं। जिनका इलाज चल रहा है। जबकि तीन दिन के अंदर जिले में मलेरिया से दो बच्चों की मौत हो गई है। इन हालातों को देखते हुए राज्य सरकार पूरी तरह से मुस्तैद हो गई है। स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। साेमवार को स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल बस्तर दौरे पर हालात का जायजा लेने जाएंगे।

  • बहरहाल, इन हालातों के बीच अब कवर्धा में हुए पांच बैगा अादिवासियों की मौत और बस्तर में फैले मलेरिया को लेकर सियासत शुरू हो गया है। जिसे लेकर पूर्व सीएम भूपेश बघेल (Former CM Bhupesh Baghel) ने साय सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, हमारी सरकार ने बस्तर को मलेरिया मुक्त करने के लिए विशेष अभियान चलाया था। ये साय सरकार की लापरवाही का ही नतीजा है कि, बस्तर में बच्चे मलेरिया से जान गंवा रहे हैं। इस पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि, इस मामले में सीएमएचओ को विस्तृत जानकारी लेने के लिए कहा है। कल बीजापुर का दौरा करके जानकारी लूंगा।

कवर्धा जिले में पांच बैगा आदिवासियों की मौत पर भूपेश बघेल ने कहा कि, कवर्धा में डायरिया से पांच बैगा आदिवासियों की मौत हो गई। प्रदेशभर में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। इसपर स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि, राजनीतिक क्रेडिट के लिए भूपेश बयानबाजी कर रहे हैं। पांच बैगा आदिवासियों की मौत डायरिया से नहीं बल्कि अन्य कारणों से हुई है। प्रदेश में डायरिया के 10830 केस आए। स्वास्थ्य विभाग ने सभी का सफल उपचार किया गया। उन्होंने कहा कि, घटना की जानकारी के बिना दोष न लगाएं। अगर पिछले पांच सालों में स्वास्थ्य विभाग ठीक होता तो आज यह स्थिति नहीं होती।

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