रायपुर। (Raipur Master Plan) राजधानी रायपुर की निवेश क्षेत्र विकास योजना यानी मास्टर प्लान-2031 में सामने आई अनियमितताओं और विसंगतियों की जांच (Investigation of irregularities and discrepancies) अब तेज़ी से आगे बढ़ रही है. विधानसभा में मामला उठने के बाद नगर निवेश विभाग और नगर निगम के अधिकारियों ने उन सभी बिंदुओं की पड़ताल शुरू कर दी है, जो भवन निर्माण की अनुमतियों से संबंधित हैं।
नगर निगम आयुक्त, संबंधित जोन कमिश्नर और नगर निवेश विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक भी आयोजित की जा चुकी है. अधिकारियों के मुताबिक, विधानसभा में उठाए गए मुद्दों की गहन जांच के बाद शासन को अंतिम रिपोर्ट सौंपी जाएगी. इस विषय को शासन स्तर पर भी गंभीरता से लिया जा रहा है।
मास्टर प्लान में की गई गड़बड़ियों की जांच रिपोर्ट पहले ही नगर एवं ग्राम निवेश के संचालक को सौंपी जा चुकी है. रिपोर्ट में कई गंभीर खामियों का उल्लेख किया गया है. रायपुर पश्चिम के विधायक और पूर्व मंत्री राजेश मूणत (MLA and former minister Rajesh Munat) ने विधानसभा में इस मसले को प्रमुखता से उठाते हुए विभागीय मंत्री को पत्र लिखकर आपत्तियों का निराकरण होने तक निर्माण कार्यों पर रोक लगाने की मांग की है।
गौरतलब है कि रायपुर मास्टर प्लान-2031 को 13 जुलाई 2023 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में लागू किया गया था. योजना लागू होने के बाद से ही इसमें तमाम गड़बड़ियों को लेकर शिकायतें मिलने लगी थीं, जिनकी जांच के लिए एक विशेष समिति बनाई गई थी. इस समिति को कुल 146 शिकायतें और सुझाव प्राप्त हुए थे।
जांच में यह तथ्य सामने आए हैं कि रायपुर के कई पुराने तालाबों की भूमि को गलत तरीके से आवासीय या कृषि क्षेत्र में बदल दिया गया है. इसके अलावा कुछ प्रमुख सड़कों को नक्शे से हटा दिया गया है या उनकी चौड़ाई कम दर्शाई गई है, जिससे शहरी यातायात और आधारभूत संरचना पर असर पड़ सकता है।
संशोधन से पहले मांगे जाएंगे नागरिकों से सुझाव
अधिकारियों ने बताया कि मास्टर प्लान में संभावित संशोधनों से पहले जनता से दावे और आपत्तियां मांगी जाएंगी. फिलहाल मौजूदा मास्टर प्लान ही प्रभावी है, लेकिन जांच पूरी होने और रिपोर्ट आने के बाद उसमें आवश्यक सुधार कर उसे दोबारा लागू करने की तैयारी की जा रही है।
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