राजीव गांधी किसान न्याय योजना : किसानों के खाते में आएगी 1895 करोड़ रुपए की पहली किश्त!

By : madhukar dubey, Last Updated : May 19, 2023 | 2:30 pm

रायपुर। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीराजीव गांधी की पुण्यतिथि 21 मई को राज्य के किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना (Rajiv Gandhi Kisan Nyay Yojana) के तहत इस साल दी जाने वाली सौगातों के सिलसिले कि शुरुआत करने जा रही है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 21 मई को दुर्ग जिले के सांकरा पाटन में आयोजित होने वाले भरोसे के सम्मेलन में राज्य के 24 लाख 52 हजार 592 किसानों (24 lakh 52 thousand 592 farmers) को इस योजना की पहली किश्त के रूप में 1894 करोड़ 93 लाख रूपए की राशि का ऑनलाईन अंतरण उनके बैंक खातों में करेंगे। इसके बाद किसानों को आगामी अगस्त, अक्टूबर और मार्च महीने में क्रमशः तीन और किश्तों में राशि दी जाएगी जो लगभग 6000 करोड़ रुपए की होगी। छत्तीसगढ़ सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत 6800 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा है, परन्तु बीते खरीफ सीजन में पंजीकृत किसानों की संख्या ,रकबा और धान की रिकार्ड खरीदी को देखते हुए इस योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली इनपुट सब्सिडी की यह राशि लगभग 8000 करोड़ होने का अनुमान है।

राज्य के साढ़े 24 लाख किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत मिलेगी 1895 करोड़ रूपए की पहली किश्त

गौरतलब है कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत कृषि लागत में कमी लाने, फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से खरीफ फसलों के उत्पादक कृषकों को प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी दी जा रही है। खरीफ वर्ष 2019 से लागू इस योजना के तहत राज्य के किसानों को अब तक 18208 करोड़ रूपए की इनपुट सब्सिडी दी जा चुकी है। चालू वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत चार किश्तों में किसानों को लगभग 8000 करोड़ रूपए इनपुट सब्सिडी के रूप में मिलेंगे।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार दे चुकी है राज्य के किसानों को अब तक 18,208 करोड़ रूपए की इनपुट सब्सिडी

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ वर्ष 2019 के धान उत्पादक 18.43 लाख किसानों को 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से 5627 करोड़ 2 लाख रूपए इनपुट सब्सिडी के रूप में वितरित किया गया था जब कि खरीफ वर्ष 2020 के धान उत्पादक 20.59 लाख किसानों को 5553 करोड़ 8 लाख रूपए का भुगतान उनके बैंक खातों में किया गया। वर्ष 2021 से इस योजना में समस्त खरीफ फसलों एवं उद्यानिकी फसलों को शामिल किया गया है एवं उत्पादक कृषकों को प्रति वर्ष प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रूपए इनपुट सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान किया गया। वर्ष 2020-21 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किए गए रकबे में धान के बदले अन्य फसलों की खेती, उद्यानिकी फसल अथवा वृक्षारोपण करने पर प्रति एकड़ 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान किया गया है। खरीफ वर्ष 2021 में विभिन्न फसलों, उद्यानिकी फसलों के उत्पादक 23.35 लाख कृषकों को 7028 करोड़ रूपए की इनपुट सब्सिडी का भुगतान उनके बैंक खातों में किया जा चुका है।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत छत्तीसगढ़ में किसानों को दी जा रही इनपुट सब्सिडी के चलते राज्य में खेती-किसानी को बड़ा संबल मिला है। खेती छोड़ चुके लोगों का रुझान फिर से खेती की ओर बढ़ा है। वर्ष 2017-18 की तुलना में राज्य में धान विक्रय करने वाले किसानों की संख्या में 11 लाख से अधिक की वृद्धि और उपार्जित धान की मात्रा में 50 लाख मैट्रिक टन से अधिक की वृद्धि हुई है। वर्ष 2018-19 से लेकर अब तक हर साल राज्य में धान की रिकॉर्ड खरीदी हुई है। छत्तीसगढ़ सेंट्रल पूल में धान देने के मामले में देश का दूसरे नंबर का राज्य बन गया है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों की संख्या के मान से यदि देखा जाए, तो छत्तीसगढ़ राज्य देश में पहले नंबर पर है।

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