रमन ने बताई ‘दिलीप सिंह जूदेव’ की कहानी, पढ़ें, इनकी ‘जयंती’ के बहाने

जशपुर माटी के दिलीप सिंहदेव जूदेव (Dilip Singhdev Judev) भारतीय राजनीति में खास पहचान रखते थे।

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  • Updated On - March 8, 2023 / 11:57 AM IST

छत्तीसगढ़। जशपुर माटी के दिलीप सिंहदेव जूदेव (Dilip Singhdev Judev) भारतीय राजनीति में खास पहचान रखते थे। आज उनकी जयंती पर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह (Raman Singh) ने उन्हें याद किया।

अपने ट्विटर पर लिखा, छत्तीसगढ़वासियों के दिलों पर राज करने वाले जशपुर के माटी पुत्र दिलीप सिंह जूदेव जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन। आदिवासी उत्थान के लिए आजीवन समर्पित रहे श्री जूदेव जी के कार्य युगों युगों तक छत्तीसगढ़ के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित रहेंगे।

घर वापसी अभियान का रहे चेहरा

आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद करने के लिए आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाता है। बता दें कि छत्तीसगढ़ की राजनीति में दिलीप सिंह जूदेव घर वापसी अभियान का चेहरा माने जाते हैं। दिलीप सिंह जूदेव ने अपने राजनीतिक सफर के दौरान बड़ी संख्या में आदिवासियों को ईसाई से हिंदू धर्म में वापसी कराई। माना जा रहा है कि इस कार्यक्रम से हिंदुत्व और धर्मांतरण को लेकर प्रदेश की जनता को बड़ा मैसेज देने की तैयारी की गई है।

दोनों सदनों में सांसद और अटल सरकार में मंत्री

दिलीप सिंह जूदेव जशपुर राजपरिवार से थे और राज्य में बीजेपी के बड़े नेता रहे। वह बिलासपुर से दो बार लोकसभा सांसद और तीन बार राज्यसभा सांसद रहे। साथ ही वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे। अब जब राज्य में भाजपा सत्ता वापस पाने की जुगत में लगी है तो पार्टी को दिलीप सिंह जूदेव की कमी महसूस हो रही है।

नमस्कार की जगह जय जूदेव कहने की प्रथा

दिलीप सिंह जूदेव आदिवासियों के बीच खासे लोकप्रिय थे। आदिवासियों के बीच दिलीप सिंह जूदेव का प्रभाव इतना था कि आज भी आदिवासी आपस में मिलते वक्त नमस्कार की जगह जय जूदेव कहते हैं। जूदेव जी हमेशा से ईसाई मिशनरी और धर्मांतरण के विरोध में रहे। अपने जीवन के दौरान उन्होंने कई कार्यक्रम आयोजित करके आदिवासियों की घर वापसी कराई थी, जिसके चलते वह बीजेपी की घर वापसी मुहिम के चेहरा बन गए थे। साल 2013 में लंबी बीमारी के बाद गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में दिलीप सिंह जूदेव का निधन हो गया था।