रमन का भूपेश सरकार पर वार, जानें, क्यों कहा-छत्तीसगढ़ महतारी का शीश शर्म से झुका दिया

By : madhukar dubey, Last Updated : December 16, 2022 | 7:50 pm

छत्तीसगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री (Raman Singh) रमन सिंह ने आज भूपेश सरकार के 4 साल के कार्यकाल पर घेरा। उन्होंने भूपेश सकार पर कई सवाल भी दागे। कहा कि जेल और बेल वाली इस सरकार ने छत्तीसगढ़ महतारी का शीश शर्म से झुका दिया और अब निर्लज्जता के साथ उसे “गौरव” बता रहे हैं। कहा कि अभी तक पूरे कार्यकाल में भूपेश सरकार ने दलालों के माध्यम से सिर्फ भ्रष्टाचार ही किया है। इसके अलावा कुछ नहीं किया। जनता से (Bhupesh) भूपेश सरकार ने झूठे वादे किया, जिसे पूरा करने में असफल हो गई। आज छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी अपने चरण सीमा पर है। कहा कि जिन युवाओं को झूठे सपने दिखाकर कांग्रेस सत्ता में आई आज वो युवा को ढूंढ रहे हैं। २५०० रुपये बेरोजगारी भत्ता तो दूर इस सरकार ने तो बच्चों के स्कूल तक उनसे छीन लिए हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन ने कहा- मैं याद करता हूं कि भाजपा के कार्यकाल में प्रदेश शांति के टापू के रूप में पहचाना जाता था। पूरे देश में छत्तीसगढ़ का नाम सम्मान के साथ लिया जाता रहा। भाजपा का १५ साल का इतिहास गौरवशाली रहा। एक रुपए किलो चावल योजना आई। जीरो परसेंट ब्याज में किसानों को कर्ज, डेवलपमेंट के सैकड़ों काम हुए, २२ हजार किलोमीटर सड़कों का जाल बिछा। २९ हजार नए स्कूल बने, १५ साल तक शांति के साथ गौरव के साथ लोग जश्न मनाते रहे।

ईडी और जेल-बेल के खेल पर भी कांग्रेस को लिया निशाने पर

डॉक्टर रमन ने आगे कहा- पहले कहीं प्रदेश से हम बाहर चले जाएं देश की राजधानी दिल्ली हो या किसी और प्रदेश में। वहां जब पूछा जाता था कि आप कहां से हैं, छत्तीसगढ़ का नाम सुनकर प्रदेश की पहचान शांति प्रिय प्रदेश, विकसित होते राज्य के रूप में पहचान होती थी। छत्तीसगढ़ विकास के लिए जाना जाता था। आज जैसे ही बात करेंगे कि छत्तीसगढ़ से तो सामने वाला कहता है वहीं के जहां श्वष्ठ की जांच चल रही है। प्रदेश के अफसरों पर इनकम टैक्स, ईडी की जांच चल रही है भ्रष्टाचार के मामलों में वो जेल में हैं।

बोले, सभी विकास कार्य ठप हैं, कर्मचारी भी बेहाल हैं

डॉक्टर रमन ने कहा- प्रदेश की आर्थिक स्थिति खराब है, निर्माण विकास के काम ठप पड़े हैं। ४ साल ५५ हजार करोड़ कर्ज लिया गया। इतना तो हमनें १५ साल में नहीं लिया था। प्रति व्यक्ति ३० हजार का कर्ज है आज। कर्ज ले रहे हैं तो उपयोग क्या हुआ ये भी समझ नहीं आया, कहीं कोई काम नहीं दिख रहा। अनियमित, संविदा कर्मचारियों से किया वादा भी अधूरा है।