प्रोटेम स्पीकर बनाए गए ‘रामविचार नेताम’! दिलाएंगे ‘नवनिर्वाचित’ विधायकों को शपथ
By : hashtagu, Last Updated : December 15, 2023 | 8:33 pm
जानिए कौन होता है प्रोटेम स्पीकर
विधानसभा और लोकसभा के स्पीकर के पद पर जो व्यक्ति कुछ समय के लिए या अस्थायी रूप से कार्य करता है, वह प्रोटेम स्पीकर कहलाता है। प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति गवर्नर करता है। आमतौर पर इसकी नियुक्ति तब तक के लिए की जाती है, जब तक कि विधानसभा या लोक सभा में स्थायी रूप से स्पीकर या अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो जाता। ऐसे में प्रोटेम स्पीकर ही नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाता है। शपथ ग्रहण का पूरे कार्यक्रम का जिम्मा प्रोटेम स्पीकर को उठाना होता है।
राज्यपाल ऐसे करते है प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति
प्रोटेम स्पीकर के पद पर सदन के वरिष्ठ सदस्य को चुना जाता है। प्रोटेम स्पीकर उस शख्सियत को ही बनाया जाता है, जो कई बार विधानसभा चुनाव जीत चुका हो। भारत के संविधान के अनुच्छेद 180 के तहत राज्यपाल के पास सदन का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करने की शक्ति होती है। जब सदन नए स्पीकर की चुनावी प्रक्रिया पूरी हो जाती है और सदन को नया स्पीकर मिल जाता है, उसके बाद यह पद स्वत: समाप्त माना जाता है। इसलिए प्रोटेम स्पीकर का पद अस्थायी होता है।
जानें प्रोटेम स्पीकर के कार्य
- नए सदस्यों को शपथ दिलाना
- विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराना
- फ्लोर टेस्ट का काम करना
- स्थायी स्पीकर चुने जाने तक सदन की गतिविधियों को संचालित करना
- सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने का कार्य भी प्रोटेम स्पीकर को ही करना
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