छत्तीसगढ़ में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत राज्य का चार दिवसीय दौरा करने वाले हैं। आरएसएस ने लगातार आरोप लगाया है कि यहां बड़े पैमाने पर अनुसूचित जनजातियों के लोगों का धर्मांतरण कराया जाता है। उनकी इस यात्रा से राज्य में संघ परिवार के विस्तार को बढ़ावा मिलने की संभावना है। इसके अलावा 31% से अधिक आदिवासी आबादी वाले राज्य में अगले साल होने वाले चुनावों में बीजेपी को भी वापसी की उम्मीद दिख रही है।
हाल ही में रायपुर में का वार्षिक योजना कार्यक्रम संपन्न हुआ था। इसमें भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय संगठन सचिव बीएल संतोष ने भी भाग लिया था। अपनी इस यात्रा के क्रम में मोहन भागवत जशपुर में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे। जूदेव बड़े पैमाने पर घर-वापसी कार्यक्रमों का आयोजन करके ईसाई आदिवासियों को हिंदू धर्म में वापस लाने के अपने प्रयासों के लिए जाने जाते थे।
उनके बेटे प्रबल प्रताप सिंह जूदेव भी इसी तरह के प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल हैं। उन्होंने मोहन भागवत के इस कदम का स्वागत करते हुए इसे पूरे आदिवासी समुदाय के लिए एक सम्मान बताया है। मंगलवार को आरएसएस प्रमुख एक ‘पथ संचालन’ कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके बाद वे राज्य में संघ के सदस्यों को संबोधित करेंगे। वह गुरुवार को अपने दौरे के समापन से पहले 16 नवंबर को अंबिकापुर में संघ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बैठक की अध्यक्षता करेंगे।