रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री जगदीश (रामू) रोहरा (BJP State General Secretary Jagdish (Ramu) Rohra) ने कहा है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज (State Congress President Deepak Baij) से अब पार्टी संगठन सम्हाले नहीं सम्हल रहा है, इसका एक और नजारा शुक्रवार को धमतरी में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की मौजूदगी में हुई कांग्रेस की बैठक में दिखाई दिया, जिसमें युवा से लेकर बुजुर्ग कार्यकर्ताओं ने अपनी उपेक्षा के लिए जमकर भड़ास निकाली और हंगामा मचाया।
भाजपा प्रदेश महामंत्री रोहरा ने कहा कि कांग्रेस में कार्यकर्ताओं का आक्रोश कोई पहली बार सामने नहीं आया है। विधानसभा चुनाव के समय से लोकसभा चुनाव तक यह आक्रोश व्यक्त होता रहा है।विधानसभा चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं ने समवेत स्वर में अपनी उपेक्षा की बात कही, लेकिन सत्ता-संगठन में आपसी खींचतान के चलते कार्यकर्ता हमेशा हाशिये पर रखे गए।
भाजपा प्रदेश महामंत्री रोहरा ने कहा कि कार्यकर्ता किसी भी संगठन की रीढ़ होते हैं लेकिन कांग्रेस में कदम-कदम पर अपने ही कार्यकर्ताओं को अपमानित करने मानो होड़ लगी हुई है। छत्तीसगढ़ में इसीलिए कांग्रेस रसातल में जा पहुँची है और कांग्रेस के नेता फिर भी जुबानी तौर पर बेलगाम होते जा रहे हैं। धमतरी की बैठक में बैज की उपस्थिति में कार्यकर्ताओं का हंगामा और अपने कतिपय नेताओं की मनमानी पर उनका खुला आरोप यह बताने के लिए पर्याप्त है कि कांग्रेस न केवल वैचारिक तौर पर, बल्कि संगठनात्मक तौर पर पूरी तरह खोखली हो चली है। श्री रोहरा ने कहा कि कांग्रेस के जितने बड़े नेता, जो खुद भी हार गए हैं और जिनकी वजह से कांग्रेस हारी, अब वह रोज कार्यकर्ताओं को कोस रहे हैं, उनको धमकी दे रहे हैं!
भाजपा प्रदेश महामंत्री रोहरा ने कहा कि कांग्रेस के बड़े नेता बार-बार कार्यकर्ताओं को निशाना बना रहे हैं, उन्हें अपमानित कर रहे हैं, उन्हें अपशब्द कह रहे हैं, यही कांग्रेस की सच्चाई है। कांग्रेस में कार्यकर्ताओं का कोई मान नहीं है। राहुल गांधी से लेकर के भूपेश बघेल और दीपक बैज तक यह सब एक ही प्रकार के लोग हैं। राहुल गांधी कुत्तों को बिस्किट खिलाते हैं लेकिन कार्यकर्ताओं से मिलना पसंद नहीं करते हैं, वैसा ही भूपेश बघेल और दीपक बैज का हाल है। रोहरा ने कहा कि जिनकी खुद की वजह से कांग्रेस को विधानसभा और लोकसभा के दो-दो चुनावों में करारी शिकस्त झेलनी पड़ी, उनको हार स्वीकार करके अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए था, लेकिन वे यह न करते हुए अपने कार्यकर्ताओं को गाली दे रहे हैं। अनर्गल प्रलाप और कार्यकर्ताओं का सरेआम अपमान ही कांग्रेस की राजनीतिक संस्कृति और नियति बनती जा रही है। अब कार्यकर्ता कांग्रेस नेताओं, पदाधिकारियों को कठघरे में खड़ा कर रहे हैंऔर इसके बाद भी कांग्रेस नेतृत्व ने होश नहीं सम्हाला तो छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को इतिहास बनते देर नहीं लगेगी।
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