छत्तीसगढ़ में आज से खुले स्कूल: बच्चों का तिलक लगाकर और मुंह मीठा कराकर स्वागत
By : dineshakula, Last Updated : June 16, 2025 | 11:56 am

रायपुर: छत्तीसगढ़ में आज, सोमवार 16 जून से नए शिक्षा सत्र (educational session) की शुरुआत हो गई है। पूरे राज्य में बच्चों का गर्मजोशी से स्वागत किया जा रहा है। रायपुर, बिलासपुर, जगदलपुर, रायगढ़, दुर्ग और भिलाई सहित प्रदेश के सभी जिलों में स्कूलों ने खास तैयारियां की हैं। बच्चों को पहले दिन तिलक लगाकर और मिठाई खिलाकर स्कूल में प्रवेश कराया जा रहा है।
स्कूलों में नहीं रहेगी शिक्षक की कमी
राज्य सरकार ने हाल के महीनों में शिक्षकों की तैनाती और युक्तियुक्तकरण की व्यापक प्रक्रिया चलाई है। अब सरकार का दावा है कि छत्तीसगढ़ में एक भी स्कूल ऐसा नहीं बचा है, जहां शिक्षक न हों।
पहले जहां 212 प्राथमिक और 48 पूर्व माध्यमिक स्कूल शिक्षकविहीन थे, वहीं अब इन सभी में शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई है। इसके अलावा 6872 प्राथमिक और 255 पूर्व माध्यमिक स्कूलों में केवल एक ही शिक्षक काम कर रहा था, अब वहां भी अतिरिक्त शिक्षकों की व्यवस्था की गई है।
शाला प्रवेश उत्सव 18 और 20 जून को
रायपुर के जिला शिक्षा अधिकारी विजय खंडेलवाल ने बताया कि 18 जून को ब्लॉक स्तर पर और 20 जून को जिला स्तर पर ‘शाला प्रवेश उत्सव’ का आयोजन किया जाएगा। राजधानी रायपुर के दानी गर्ल्स स्कूल में इस अवसर पर भव्य कार्यक्रम होगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज से नए शैक्षणिक सत्र 2025-26 की शुरुआत पर सभी विद्यार्थियों एवं नवप्रवेशी बच्चों को अपनी बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। pic.twitter.com/6jmUjSGAL0
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) June 16, 2025
बिना छात्रों के स्कूल, मर्ज किए गए
राज्य में 211 ऐसे स्कूल भी थे, जहां एक भी छात्र नहीं था, लेकिन वहां शिक्षक नियुक्त थे। अब सरकार ने ऐसे 166 स्कूलों को आपस में मर्ज कर दिया है। इनमें से 133 ग्रामीण और 33 शहरी क्षेत्र के स्कूल हैं, जहां छात्रों की संख्या बहुत कम थी।
मुख्यमंत्री ने नेताओं को लिखी चिट्ठी
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेश के सभी जनप्रतिनिधियों को पत्र लिखकर ‘शाला प्रवेश उत्सव’ में भाग लेने की अपील की है। उन्होंने लिखा कि प्रदेश को शत-प्रतिशत साक्षर बनाना चुनौतीपूर्ण जरूर है, लेकिन असंभव नहीं। यह तभी संभव है जब समाज का हर वर्ग मिलकर इस दिशा में योगदान दे।
स्कूल छोड़ने की दर होगी शून्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार सरकार का लक्ष्य है कि कक्षा 12वीं तक छात्रों की ड्रॉपआउट दर को पूरी तरह शून्य किया जाए। इसके लिए ‘मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान’ की शुरुआत की जा रही है। इस अभियान का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता को बेहतर बनाना है।