शंकराचार्य ने कहा हिंदू राष्ट्र नहीं, रामराज्य की स्थपना हो! शराबबंदी-मतांतरण पर भी बोले

By : madhukar dubey, Last Updated : May 29, 2023 | 4:10 pm

छत्तीसगढ़। ज्योतिषपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज (Shankaracharya Swami Avimukteshwarananda Saraswati) ने कहा, वैदिक धर्म की सुरक्षा के लिए वेदों के संरक्षण की आवश्यकता थी, जिसके लिए 4 पीठों का निर्माण किया गया। इसके अतिरिक्त कोई भी शंकराचार्य आए उन्हे नहीं माना जा सकता। निश्चलनंद जी ने ठीक ही कहा हिंदू राष्ट्र कहने वाले लोगों को जनता के सामने एक प्रारूप रखना चाहिए। ऐसा प्रारूप किसी ने नहीं रखा।

कहा, प्रारूप सामने आए तो गुण दोष पर विचार किया जा सकता है केवल नाम सुनने से अनुमान नहीं लगाया जा सकता। देश की आजादी के समय लोगों ने चर्चा उठाई। उस समय करपात्री महाराज ने कहा था हिंदू राष्ट्र (Hindu Rashtra) से काम नहीं चलेगा, रामराज्य की आवश्यकता है।

कहा, हिंदू राष्ट्र कहने ने वो बात नहीं आती जो रामराज्य कहने से आती हैं। हम नए राज्य की स्थापना करना चाहते हैं तो क्यों न हम रामराज्य की बात करें। संसद में स्थापित राजदंड को लेकर शंकराचार्य ने कहा जो पुरानी संसद थी लोकसभा अध्यक्ष की सीट के पीछे जहां धर्म है वहीं विजय हैं लिखा हुआ था। प्रतीकों के पीछे की अर्थों की उपेक्षा की जाती है। केवल प्रतीक सामने रखकर ऊपर ऊपर सब काम कर रहे हैं। केवल दिखावा से नहीं होता प्रतीक के अर्थ को निभाया गया तो मोदी जी के द्वारा ये राजधर्म होगा।

कहा, नहीं निभाया गया तो कोई मतलब नहीं होगा राजनीति के कारण आदिवासियों को कहा जा रहा है कि तुम हिंदू नहीं हो हम भी जंगली थे आदिवासी वनवासी थे। धीरे धीरे जंगल कम हो गए

क्या वनवासी अब जंगलों में रह गए तो क्या वह वनवासी नहीं रह जाएंगे। हम भी उसी परंपरा के हैं। आदिवासी और हममें कोई अंतर नहीं। शहर में रह जाने से किसी की परंपरा समाप्त नहीं हो जाती। राजनैतिक लोग हमें बांटने का प्रयास कर रहे आदिवासी भाइयों को उनके झांसे में नहीं आना चाहिए।

महिला पहलवानों के प्रदर्शन पर कहा शिकायत हैं तो जांच कराने में क्या समस्या हैं। जिनके खिलाफ हमारी बहनों ने प्रदर्शन किया। देश की बेटियां वहां बैठी हैं आरोपी संसद भवन में खड़ा होकर सबको तमाशा दिखाता है। हमको दोनों दृश्य साथ में दिखाई देते हैं ये हम स्वीकार नहीं करते।

ये कैसा लोकतंत्र हैं भगवान के नाम पर हो रही राजनीति पर शंकराचार्य ने कहा कार्यकाल से होता है। जिस राजा के द्वारा भूखी जनता के दु:ख को दूर करने का प्रयास किया जाता है वहीं असली राजा है। साधन का मतलब हैं भगवान राम का मंदिर बना दो चढ़ोत्तरी आएगी वो साधन होगा। कुछ लोगों ने अपनी राजसत्ता को प्राप्त करने के लिए भगवान राम को साधन बना लेते हैं

शराबबंदी को लेकर शंकराचार्य ने कहा कानून से वो बात नहीं होती, जनता चाहेगी तो सरकार को मदद करनी चाहिए। जितने भी अपराध हो रहे उसमे बहुत बड़ा हाथ शराब का हैं। अगर अपराध को बंद करना है तो शराबबंदी की जाए।

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