CM कार्यालय की उपसचिव सौम्या भेजी गईं न्यायिक रिमांड पर जेल, जानें, फिर कब होगी कोर्ट में पेशी
By : madhukar dubey, Last Updated : December 14, 2022 | 6:21 pm
प्रवर्तन निदेशालय ने 11 अक्टूबर को प्रदेश के कई अफसरों और कारोबारियों के 75 ठिकानों पर छापा मारा था। प्रारंभिक जांच और पूछताछ के बाद 13 अक्टूबर को इस मामले में छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी-चिप्स के तत्कालीन आईएएस समीर विश्नोई, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल और वकील और कारोबारी लक्ष्मीकांत तिवारी को गिरफ्तार किया था। उनको १४ दिन की ईडी रिमांड में पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। 21 अक्टूबर को इस मामले में एक अन्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी ने अदालत में समर्पण कर दिया।
10 दिन की पूछताछ के बाद सूर्यकांत को भी न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। तबसे चारो आरोपी जेल में बंद हैं। इस बीच ईडी की दूसरे अफसरों और कारोबारियों से पूछताछ जारी रही। लगातार कई दिनों की पूछताछ के बाद ईडी ने 2 दिसम्बर को राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया। उनपर बेनामी संपत्ति की खरीदी-बिक्री से काला धन खपाने का आरोप लगाया गया है। पहले उनको 6 दिसम्बर तक ईडी की हिरासत में भेजा गया था।
इसके बाद 10 दिसम्बर तक फिर 14 दिसम्बर तक के लिए ईडी को कस्टडी मिली। इस तरह ईडी ने सौम्या से हिरासत में 14 दिनों तक पूछताछ की है। अब उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। अदालत में ED की ओर से कहा गया, सौम्या चौरसिया के बाहर रहने से सबूतों और गवाहों को प्रभावित करने की आशंका बढ़ जाएगी। बचाव पक्ष के वकील फैजल रिजवी ने बताया कि उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। 19 दिसम्बर को उनको फिर से अदालत के सामने पेश किया जाना है।
पिछले सप्ताह सौम्या से जुड़ी संपत्तियों को किया गया था अटैच
पिछले सप्ताह ९ दिसम्बर को ED ने मनी लॉन्ड्रिंग केस के पांच आरोपियों से जुड़ी करीब १०० संपत्तियों को अटैच कर लिया था। इसमें सौम्या चौरसिया से जुड़ी २१ संपत्तियां हैं। इसके अलावा ६५ संपत्तियां कारोबारी सूर्यकांत तिवारी से जुड़ी हुई हैं। निलंबित आईएएस समीर विश्नोई से जुड़ी पांच संपत्तियां भी अटैच की गई हैं। शेष संपत्तियां सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी से जुड़ी हुई हैं। इस संपत्ति की कीमत १५२ करोड़ ३१ लाख रुपए बताई जा रही है।