सुकमा: सुकमा जिले (Sukma district) में शबरी नदी की बाढ़ में फंसे एक ग्रामीण को 12 घंटे बाद सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया। यह रेस्क्यू ऑपरेशन जिला प्रशासन, पुलिस, सीआरपीएफ और भारतीय वायुसेना ने मिलकर चलाया। तेज बहाव और बड़े-बड़े पत्थरों के चलते मोटरबोट से बचाव संभव नहीं था। मौके पर ड्रोन से व्यक्ति की लोकेशन ट्रेस की गई और फिर एयरफोर्स की मदद से उसे बाहर निकाला गया।
इस बीच छत्तीसगढ़ के कई जिलों में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। मौसम विभाग ने कांकेर में ऑरेंज अलर्ट और दुर्ग, राजनांदगांव, बालोद, नारायणपुर में यलो अलर्ट जारी किया है। बंगाल की खाड़ी में बन रहे लो प्रेशर की वजह से अगले दो दिन तेज बारिश की संभावना है।
डोंगरगढ़ में उफनते नाले में बहने से एक युवक की मौत हो गई। मृतक मिथिलेश वर्मा खैरागढ़ से लौट रहा था, तभी डंगोरा डैम से छोड़े गए पानी के कारण उसकी जान चली गई।
बारिश का सबसे ज्यादा असर बस्तर संभाग में देखने को मिला है। दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा और बस्तर जिलों में 200 से ज्यादा घर ढह चुके हैं और 2196 लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। बारसूर इलाके में स्टेट हाईवे-5 का पुल टूट गया है, जिससे ग्रामीणों को सीढ़ी लगाकर आना-जाना पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोमवार को बस्तर और दंतेवाड़ा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और राहत कार्यों की जानकारी ली।
