“आतंकी” या “आतंकित” – भूपेश बघेल के बयान पर छत्तीसगढ़ की सियासत में घमासान

By : hashtagu, Last Updated : June 1, 2025 | 7:03 pm

रायपुर:  छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के एक बयान ने प्रदेश की सियासत में ज़बरदस्त हलचल मचा दी है। मुद्दा यह है कि भूपेश ने “आतंकी पीड़ित” कहा या “आतंकित पीड़ित”, यही शब्द अब राजनीतिक बहस की आग को हवा दे रहा है।

बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा कर आरोप लगाया कि बघेल कह रहे हैं – “आतंकी पीड़ित हैं”। इस बयान को लेकर चिमनानी ने कांग्रेस की “विचारधारा पर बड़ा सवाल” खड़ा किया और आरोप लगाया कि कांग्रेस हमेशा आतंकवादियों और नक्सलियों के प्रति सहानुभूति रखती है।

चिमनानी ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेताओं की कथनी और करनी से पूरा देश हैरान है। उन्होंने तंज कसते हुए पूछा कि बार-बार नक्सलियों और आतंकवादियों के पक्ष में इस तरह की भाषा कैसे निकलती है?

इस आरोप पर कांग्रेस ने तीखा पलटवार किया। कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि भूपेश बघेल ने “आतंकित लोगों” की बात की थी, न कि आतंकियों की। उन्होंने चिमनानी पर “जानबूझकर शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश करने” का आरोप लगाते हुए उन्हें ENT (कान-नाक-गला) डॉक्टर से इलाज करवाने की सलाह तक दे डाली।

विकास तिवारी ने चुनौती दी कि यदि चिमनानी में साहस है, तो उस वीडियो की फॉरेंसिक जांच करवाकर सच्चाई सामने लाएं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर इलाज की जरूरत पड़ी तो उसका खर्चा भी वह खुद उठाएंगे।

कांग्रेस के एक और प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने इसे भाजपा की “झूठ और अफवाह की बीमारी” करार देते हुए कहा कि यह लाइलाज हो चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब पूरा देश पाकिस्तान को आतंकी देश मानता है, तब बीजेपी के नेता आतंक से पीड़ित परिवारों के पास जाने से भी कतराते हैं।

असल विवाद की जड़ एक भाषण है, जिसमें भूपेश बघेल ने कहा था – “मोदी जी पहलगाम हमले के बाद वहां नहीं गए, आतंक से पीड़ित लोगों से नहीं मिले, और बिहार में चुनाव प्रचार में जुट गए।” बीजेपी का दावा है कि इस बयान में “आतंकित” की जगह “आतंकी” कहा गया है, जबकि कांग्रेस इसे एक “शब्दों को सुनने की गलती” बता रही है।

इस पूरे घटनाक्रम ने राजनीतिक गर्मी को और तेज कर दिया है, और अब यह बहस केवल बयान तक सीमित न रहकर विचारधाराओं की टकराहट में बदल गई है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और बयानबाजी और जांच की मांगें होना तय है।