शराब और कस्टम मिलिंग घोटाले में आरोपियों को 6 अगस्त तक न्यायिक हिरासत, जानिए पूरा मामला

इस व्यापारिक संरचना के जरिए कंपनियों को अतिरिक्त मुनाफा मिलता था, जिसमें 60% हिस्सा सिंडीकेट और 40% कंपनियों के पास जाता था।

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  • Publish Date - July 27, 2025 / 10:55 AM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ में सामने आए 3200 करोड़ रुपए के शराब घोटाले (Liquor scam) और कस्टम मिलिंग घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार तीन आरोपियों को शनिवार को 6 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इन आरोपियों में संजय मिश्रा, मनीष मिश्रा (दोनों सगे भाई) और अभिषेक सिंह शामिल हैं।

राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) द्वारा की गई पूछताछ के बाद तीनों को विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया गया, जहाँ अदालत ने उन्हें रिमांड पर भेजने का आदेश दिया।

क्या है शराब घोटाले का पूरा मामला?

जांच एजेंसी के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2020-21 में विदेशी शराब पर कमीशन वसूली के लिए एक सिंडीकेट बनाया गया था, जिसमें तीन कंपनियों को एफएलए-10 लाइसेंस जारी किए गए।

इन लाइसेंसधारी कंपनियों को शराब निर्माता कंपनियां सीधे सप्लाई करती थीं। इसके बाद ये कंपनियां उस कीमत में 10% का मार्जिन जोड़कर शराब सीएसएमसीएल (छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड) को बेचती थीं।

इस व्यापारिक संरचना के जरिए कंपनियों को अतिरिक्त मुनाफा मिलता था, जिसमें 60% हिस्सा सिंडीकेट और 40% कंपनियों के पास जाता था। इस प्रक्रिया से राज्य सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ।

सिंडीकेट की कड़ी तक पहुंच

जांच में यह सामने आया कि गिरफ्तार आरोपी वसूले गए हिस्से का 60 प्रतिशत हिस्सा खुद रखते थे, और फिर उसे सिंडीकेट प्रमुख अनवर ढेबर, अनिल टूटेजा सहित अन्य लोगों तक पहुंचाते थे।

इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए आरोपियों से पूछताछ जारी है और मामले की अग्रिम विवेचना की जा रही है। इसीलिए तीनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजने का अनुरोध किया गया, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।