रायपुर। राजधानी रायपुर में करोड़ों रुपए की ठगी(Fraud worth crores of rupees in the capital Raipur) का एक बड़ा मामला सामने आया है। ठगी का शिकार हुए लोगों में रायपुर और अन्य राज्यों के करीब 100 लोग शामिल हैं। जानकारी के अनुसार, पीडि़तों से उनकी कार और अन्य चार पहिया वाहनों को बैंकों और सरकारी विभागों में किराए पर (Their cars and other four-wheelers are available on rent in banks and government departments)लगाने का झांसा देकर ठगी की गई है।
पीडि़तों ने बताया कि आरोपी जगमोहन सिंह मसराम, जो बोरियाकलां स्थित हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहता है, ने यह धोखाधड़ी की है। उसने शुरुआत में पीडि़तों को विश्वास में लेने के लिए दो महीने का एडवांस भुगतान किया और विभाग के नाम पर लिखित एग्रीमेंट किया। इससे वाहन मालिकों को यह भरोसा हुआ कि उनकी गाडिय़ां सही तरीके से किराए पर ली जा रही हैं।
जालसाज जगमोहन ने दो महीने के एडवांस पेमेंट के बाद भुगतान बंद कर दिया। वाहन मालिकों ने जब भी किराए की मांग की, आरोपी उन्हें टालता रहा। कई बार जब दबाव बढ़ा तो उसने बंद हो चुके बैंक खातों के चेक थमा दिए, जो बाउंस हो गए।
पीडि़तों को आशंका है कि आरोपी जगमोहन और उसके साथियों ने गाडिय़ों को अन्य राज्यों में बेच दिया है या गिरवी रख दिया है। इस ठगी से प्रभावित कई लोग वे हैं, जिन्होंने बैंक से लोन लेकर अपनी गाडिय़ां खरीदी थीं। अब वे किश्त चुकाने के लिए परेशान हैं और बैंकों से नोटिस झेल रहे हैं। अब तक इस मामले में आरोपी से सात गाडिय़ां बरामद की गई हैं। सिविल लाइन थाना पुलिस ने आरोपी जगमोहन सिंह मसराम और उसके दो साथियों के खिलाफ अमानत में खयानत की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस का मानना है कि और भी पीडि़त सामने आ सकते हैं।
फिलहाल पुलिस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है। शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपी ने अब तक 52 से अधिक महंगी गाडिय़ों को बेच दिया है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि ठगी में और कितने लोग शामिल हो सकते हैं। यह मामला उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो बिना पूरी जांच-पड़ताल के अपनी गाडिय़ां किराए पर देने का फैसला करते हैं।
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