तंत्र-मंत्र की ‘फूंक’ से भगा रहा था हाथी, पढ़ें, कैसे गवां दी जान

वास्तव में इस दुनिया में एक से बढ़कर एक सनकी इंसान है। वे अंधविश्वास में इस कदर डूबे हैं कि खुद की जान तक गवां देते हैं।

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  • Updated On - December 29, 2022 / 07:53 PM IST

छत्तीसगगढ़। वास्तव में इस दुनिया में एक से बढ़कर एक सनकी इंसान है। वे अंधविश्वास में इस कदर डूबे हैं कि खुद की जान तक गवां देते हैं। ऐसा ही एक वाक्या धमतरी (Dhamtari) जिले के सीतानंदी-उदंती अभयारण्य (Sitanandi-Udanti Sanctuary)  के साल्हेभाटा में हुआ। जहां एक व्यक्ति तंत्र-मंत्र के जरिए हाथियों के दल को भगाने की सोची, आखिरकार जब वह हाथियों के करीब पहुंचा तो वह उनके पैर तले कुचला गया। इस घटना की सूचना मिलते ही गांव में हड़कंप मच गया। जानकारी होने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। शव का पोस्टमार्टम कराकर उसे मृतक के परिजनों को सौंप दिया। उसकी अजीबो गरीब हरकत की चर्चा पूरे क्षेत्र में हो रही है।

32 हाथियों के दल ने गांव के आसपास डेरा जमाया है

बताया जाता है कि साल्हेभाट में ३२ हाथियों के सिकासेर दल ने ७० वर्षीय बुजुर्ग बुधराम कावड़े को कुचल दिया। बड़ी बात तो ये है कि बुजुर्ग हाथियों को भगाने के लिए तंत्र-मंत्र करने अपने भांजे के घर २७ दिसंबर को पहुंचा था। जिन हाथियों को भगाने के लिए बुजुर्ग तंत्र-मंत्र करना चाह रहा था, उन्हीं के पैरों तले कुचलकर उसकी मौत हो गई।

महुआ शराब की गंध से बुलाया हाथी के दल को

महुआ शराब की गंध ने हाथियों के दल को आकर्षित किया और वे वहां पहुंच गए। हाथियों ने उसके घर को भी तोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने बुधराम को सूंड से लपेटकर दूर फेंक दिया और पैरों से कुचलकर मार डाला। इस घटना से आधे घंटे पहले ही बुधराम को बचाने के लिए वन विभाग की निगरानी टीम साल्हेभाट पहुंची थी, लेकिन वो कमरे में छिप गया था। बुधवार को सुबह करीब ४ बजे नग्न हालत में उसकी लाश खेत में मिली। हाथियों के कुचलने से उसके एक पैर के चिथड़े हो गए थे। उसका चेहरा भी कुचला हुआ था। खेत में लगी सब्जी की फसल को भी हाथियों ने रौंद डाला।

गांव के लोगों ने मना किया था, लेकिन वह नहीं माना

सीतानदी-उदंती अभयारण्य के एसडीओ बीके लकड़ा ने बताया कि घटना २७ दिसंबर को रात करीब ७.३० बजे से ८.३० बजे के बीच की है। खल्लारी निवासी बुधराम कावड़े के भांजे का घर साल्हेभाट में है। २ दिन पहले सिकासेर हाथियों का दल गांव में पहुंचा था। उन्होंने धान की फसल को जमकर बर्बाद किया।

तंत्र-मंत्र से हाथियों को भगाने की बात कहकर बुधराम २७ दिसंबर को ही अपने भांजे के घर पहुंचा। उसने अपने भांजे और अन्य रिश्तेदारों को खल्लारी भेज दिया। उनके घर में महुआ काफी मात्रा में बनती थी, जिसके कारण हाथियों का दल आकर्षित हो गया।

हाथियों का दल जब उनके घर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर था, तो भांजे और अन्य रिश्तेदारों ने बुधराम को भी वहां से निकलने के लिए कहा, लेकिन वो नहीं माना, जिसके बाद वे सभी बुधराम को छोड़कर खल्लारी निकल गए। इसके बाद हाथियों ने उसे मार डाला।