बस्तर में नक्सलियों की खामोशी ने बढ़ाई चिंता!
By : hashtagu, Last Updated : February 15, 2023 | 8:29 pm
बस्तर में लगभग नौ साल पहले झीरम घाटी की घटना को लोग भूले नहीं हैं, माओवादियों के हमले में कांग्रेस के कई बड़े नेताओं को शहादत देना पड़ी थी। यह घटना गाहे-बगाहे लोगों के जेहन में आ जाती है। बीते कुछ अरसे से सुरक्षा बलों के दवाब के चलते माओवादी बड़ी घटना केा अंजाम नहीं दे पाए हैं। वे अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए निहत्थे और निर्दोष लोगों केा अपना निशाना बनाते हैं। इसी के चलते इस बात की आशंका है कि माओवादी बौखलाहट में कोई बड़ी वारदात को अंजाम न दे दें। इसको लेकर सुरक्षा बल सजग और सतर्क हैं।
बस्तर संभाग के अधिकारियांे ने बीते दिन सभी राजनैतिक दलों को सुरक्षा मापदण्ड के संदर्भ में अवगत कराने हेतुएक बैठक आयोजित की। इस बैठक में कानून सुरक्षा व्यवस्था, जनप्रतिनिधियों एवं सामाजिक पदाधिकारियों के भ्रमण के दौरान पालन किये जाने वाले सुरक्षा मापदण्ड के संबंध में आवश्यक चर्चा की गई। संवेदनशील क्षेत्रों में भ्रमण कार्यक्रम के दौरान आवागमन की सूचना समय पूर्व दिये जाने के संबंध में बताया गया, जिससे संवेदनशील क्षेत्रों के सुरक्षा आंकलन की कार्यवाही की जाकर आवश्यक बंदोबस्त सुनिश्चित की जा सके।
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पी. द्वारा बताया गया कि विगत वर्षों में जिस तरीके से माओवादियों के प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों द्वारा योजनाबद्ध तरीके से कार्यवाही करते हुये, माओवादियों के गतिविधियों पर अंकुश लगाया गया है। उसके चलते बौखलाहट में माओवादियों द्वारा निहत्थे व्यक्तियों को निशाना बनाया जा रहा है। माओवादियों की इस चुनौती को सामना करते हुये और बेहतर रणनीति के तहत पुलिस एवं सुरक्षा बलों द्वारा क्षेत्र में कार्य की जायेगी ताकि माओवादियों की हिंसात्मक गतिविधियों को समाप्त करते हुये क्षेत्र में शांति व सुरक्षा व्यवस्था स्थापित की जा सके।