राजनांदगांव। महाराष्ट्र के टाइगर बेल्ट(Tiger Belt of Maharashtra) में एक दुखद घटना हुई। दो दिन में बाघ ने चार लोगों की जान ले ली। शनिवार दोपहर को बाघ ने एक ही हमले में तीन महिलाओं(three women) को मार डाला था। यह पहली बार है जब एक बाघ ने एक साथ इतने लोगों की जान ली है। इसके बाद रविवार को एक और ग्रामीण की मौत हो गई।
यह घटना सिंदेवाही वन रेंज के पास मेंढमाल गांव के जंगल में हुई। वन्यजीव विशेषज्ञों ने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है जब एक बाघ ने एक ही हमले में तीन लोगों को मार डाला और एक को घायल कर दिया। कुछ महिलाएं तेंदूपत्ता इक_ा करने जंगल में गई थीं। तभी एक बाघ ने उन पर हमला कर दिया।
घटना के तुरंत बाद, वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और घायल महिला को अस्पताल पहुंचाया। वन विभाग ने बाघ की पहचान करने के लिए इलाके में कैमरे लगाए हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी घटनाएं इसलिए बढ़ रही हैं क्योंकि वन्यजीवों के रहने की जगह कम होती जा रही है। महाराष्ट्र में पिछले तीन सालों में जंगली जानवरों के हमलों में 225 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। इनमें से ज्यादातर मौतें बाघों के हमलों में हुई हैं।
वरिष्ठ वन अधिकारियों ने कहा कि एक बार जब बाघ की पहचान हो जाएगी, तो उसे बेहोश करने और पकडऩे के लिए प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) को औपचारिक अनुरोध भेजा जाएगा। गांव वाले इस हमले से बहुत दुखी हैं। उन्होंने बाघ को तुरंत पकडऩे की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। वन विभाग ने इलाके में गश्त बढ़ा दी है और लोगों को जंगल में न जाने की चेतावनी दी है।
इस हमले के साथ, चंद्रपुर जिले में 2025 में वन्यजीवों से संबंधित मौतों की संख्या 16 तक पहुंच गई है। ये सभी मौतें बाघों के हमलों में हुई हैं। पिछले साल, ऐसी 29 मौतें हुई थीं, जिनमें से 27 बाघों के हमलों में हुई थीं। 2023 में, यह संख्या 25 थी। सबसे ज्यादा मौतें 2022 में हुई थीं, जब 51 लोग मारे गए थे। इनमें से 44 को बाघों ने और 7 को तेंदुओं ने मारा था।
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