रायपुर। कहते हैं सच्चा समाज सुधारक अपने अग्निपथ पर सदैव और निरंतर आगे ही बढ़ते जाते हैं। और फिर एक वक्त ऐसा आता, जब पूरा कांरवा ही उनके साथ चलने लगता है। राजनीति में रहकर भी देश की दशा और दिशा बदलने में अमूल्य-अमिट योगदान निभाते हैं। ऐसे में चाहे बात पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की हो या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की। इनके सिद्धांत और आदर्शों पर चलकर समाज को कुछ देने का जुनून पूर्व IAS ओपी चौधरी (Former IAS OP Chaudhary) के मन में बचपन से ही था। उन्होंने प्रशासनिक सेवा को समाज सेवा और राष्ट्र के निर्माण के लिए चुना था। यही कारण भी था, वे इस प्रशासनिक सेवा में रहते हुए अपने नवाचार की ऐसी अमिट छाप छोड़ी, जिससे प्रदेश के युवाओं के लिए वे आइकान बन चुके हैं। ऐसा हो भी क्यों न इन्होंने नालंदा सेंट्रल लाइब्रेरी सहित कई ऐसे उत्कृष्ट काम युवाओं के लिए किए। वे जिस भी जिले में पदस्थ रहे। वहां उन्होंने अपनी नवाचारी प्लानिंग के जरिए जनता को सहूलियत दी, जिसे सभी याद करते हैं। प्रशासनिक सेवा के क्षेत्र में काम करते-करते वे छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से प्रभावित थे। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए भारत के निर्माण की परिकल्पना को साकार करने के मिशन से जुड़ने का मन बनाया।
फिर क्या था, उन्होंने IAS की नौकरी से त्यागपत्र दे दिया और राजनीति में आने के लिए भाजपा को चुना। क्योंकि उन्हें ज्ञात था, भाजपा ही एक ऐसी पार्टी है, जो राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखने वाली है। बाकी तो जातिवाद और परिवारवाद में उलझी हुईं पार्टियां हैं। उनके भाजपा में शामिल होने के बाद युवाओं का एक ऐसा वर्ग, जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुटा था, उन्हें ओपी चौधरी से अपेक्षाएं बढ़ गईं। वे उनसे मिलकर उनके अनुभव का लाभ लेने की चाह अपने मन में सदा ही पाले रखते थे। उनकी इस मंशा को भांप कर ओपी चौधरी प्रदेश और राष्ट्र की युवा शक्ति को जागृत (Awaken the youth power of the nation) करने के लिए जुट गए। यह सिलसिला चल ही रहा था, कि कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार पर पीएससी की परीक्षा परिणाम को लेकर धांधली के आरोप लगने लगे।
इस प्रकरण ने ओपी चौधरी के मन को झकझोर दिया, क्योंकि सिविल परीक्षा में पारर्दिशता पर सवाल खड़े हुए थे। क्योंकि उन्हें यह पता था, एक युवा जब सिविल परीक्षा की तैयारी करता है, तो उसे कितनी मेहनत करनी पड़ती है। इस दर्द को समझते हुए वे तब एक राजनेता के रूप में युवाओं की आवाज बने। वैसे इस घोटाले को बीजेपी विधानसभा चुनाव में उठा रही थी। लेकिन ओपी चौधरी की भूमिका भी कमतर नहीं आंकी जा सकती है। वे कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार के दौरान हर मुद्दे को कभी सोशल मीडिया के जरिए तो या सार्वजनिक मंच से उठाते रहे। और प्रदेश के युवाओं को कांग्रेस के खिलाफ खड़ा करने में अपनी महती भूमिका निभाई।
नतीजा, युवाओं ने BJP को पीएससी परीक्षा की जांच करने के लिए वोट दिया। इस भाव को समझते हुए पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी समझा और सीबीआई जांच का ऐलान किया है। वहीं पीएम मोदी की हर गारंटी को पूरा करने में ओपी चौधरी एक वित्त मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में अपनी भूमिका बखूबी निभा रहे हैं।
इसी कड़ी में वे देश की युवा शक्ति को जागृत करने के लिए वे अपने विभागीय कामकाज के साथ ही अभियान चला रखे हैं। उनके प्रेरित विडियो सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म पर धूम मचा रहे हैं। जो युवाओं में काफी लोकप्रिय हो चुका है।
अपनी ताक़त को पहचानिए और फिर अपने लक्ष्यों को चुनौती देते हुए पूरी ईमानदारी और जुनून के साथ संघर्ष कीजिए।
ऐसा संघर्ष कभी व्यर्थ नहीं होता, जब आप अपनी योग्यता और ताक़त को पहचान कर परिश्रम करते हैं तो हर सफलता को हासिल कर सकते हैं। यही सफलता का मंत्र है और यही संघर्ष आपको एक बेहतर… pic.twitter.com/5n20OHLsa4
— OP Choudhary (@OPChoudhary_Ind) February 24, 2024
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