रायपुर। गृह मंत्री विजय शर्मा (Home Minister Vijay Sharma) ने अपने निवास कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि नक्सलियों द्वारा जारी पत्र (Letter issued by Naxalites) में उल्लेख किया गया है कि वे स्कूल और अस्पतालों का विरोध नहीं करते। उन्होंने सवाल उठाया है कि अगर ऐसा है तो उन गांवों में अब तक टीवी क्यों नहीं देखा गया? खेती और सिंचाई की सुविधाएं अब तक क्यों नहीं पहुंची हैं?
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने घोषणा की है कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म कर देंगे। शाह की डेडलाइन जारी करने के बाद से बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन काफी तेज हो गए हैं। इस बीच नक्सलियों ने सप्ताहभर के भीतर दूसरी बार शांतिवार्ता के लिए सरकार के सामने अपनी बात रखी है। बीते बुधवार नक्सली लीडर रूपेश ने पर्चा जारी कर कहा है कि अगर सरकार की तरफ से सकारात्मक संकेत मिलते ही पूर्ण युद्धविराम अमल में आएगा। अब इस पर छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों की बात का जवाब देते हुए शांति वार्ता के लिए सरकार का रुख स्पष्ट किया है।
शर्मा ने कहा, “देश के गृहमंत्री अमित शाह ने भी कहा है कि नक्सली मुख्यधारा में लौटें और गांवों में रहने वाले लोगों को स्वतंत्र जीवन जीने दें। सरकार की नई पॉलिसी के तहत यदि कोई नक्सली सरेंडर करता है और यदि वह 5-6 वर्षों से संगठन से जुड़ा है, तब भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।” उन्होंने आगे बताया, “यदि कोई व्यक्ति सरेंडर करना चाहता है, तो हम तैयार हैं। हम छोटे-बड़े सभी समूहों के साथ चर्चा करने के लिए तैयार हैं। आज हम ‘VIR’ अभियान चला रहे हैं और अच्छी सेवा दे पा रहे हैं। हम गांव-गांव जाकर लोगों से बात कर रहे हैं। यह नरेंद्र मोदी की सरकार है और अमित शाह का आह्वान है।”
गौरतलब है कि इससे पहले सेंट्रल कमेटी ने पर्चा जारी कर स्वीकार किया था कि पिछले 15 महीनों में उनके 400 साथी मारे गए हैं। अगर नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन रुकती है, तो हम शांतिवार्ता के लिए तैयार हैं। इस पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि वे शांतिवार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए कोई शर्त न हो।
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