G-20 समिट पर कांग्रेस-BJP में आखिर क्यों मची श्रेय लेने की होड़, पढ़ें, जुबानी वार

By : madhukar dubey, Last Updated : December 12, 2022 | 8:47 pm

छत्तीसगढ़। वैसे सियासत का अंदाज-ए-जुदा है, जब भी सियासतगारों को मौका मिलता है तो कुछ भी बोलने से कहां चूकने वाले। दुनिया की महत्वपूर्ण समूह जी-20 समिट की बैठक छत्तीसगढ़ में होने वाली है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑनलाइन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से व्यवस्था और इंतजाम के बारे में बात भी कर चुके हैं। क्योंकि यह कोई राजनीतिक बैठक नहीं बल्कि 19 देशों के समूह की है। जहां उद्योग से लेकर समाज के हर उन कडि़यों को लेकर है, जिनसे विकास की रोशनी फैले। बहरहाल, इस बार इसकी मेजबानी करने का मौका छत्तीसगढ़ को मिला है, जो एक गर्व की बात है। लेकिन अब तो इसे लेकर कांग्रेस और बीजेपी में श्रेय लेने की जैसे होड़ मच गई है। दोनों पार्टियों के नेता इसके आयोजन को लेकर अपने-अपने तरीके से कारण भी गिनाने लगे हैं। ये बैठक अभी अगले साल सितंबर माह में होनी है। लेकिन अभी से इस पर सियासतबाज राग अलापने में लगे है। आइए कांग्रेस और बीजेपी के इस श्रेय लेने की होड़ में कौन नेता इस पर क्या-क्या बयान देते हैं।

बीजेपी ने कहा, पिछली सरकार के काम और पीएम मोदी के चलते हो रहा आयोजन

भाजपा मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने कहा- जी२० समिट की बैठक इसलिए प्रदेश में होने जा रही है क्योंकि देश के क्करू नरेंद्र मोदी को छत्तीसगढ़ से प्रेम है ये उनके प्रेम का प्रतीक है। भाजपा के वक्त में छत्तीसगढ़ में सड़क, ब्रिज, अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम, ऑडिटोरियम बनाने जैसे काम हुए। इस वजह से प्रदेश को बैठक के लिए चुना गया है। भाजपा ने कहा, छत्तीसगढ़ में जो भी विकास हो रहा है, वह मोदी जी की उदारता से हो रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य बनाने वाली भाजपा ने नई राजधानी बनाई। पूरे प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाया। ब्रिज बनाये, अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बनाया, ऑडिटोरियम बनाए। राज्य को बीमारू राज्य की श्रेणी से निकालकर सबसे तेज गति से विकास करने वाले नए राज्य के रूप में प्रतिष्ठित कराया।

बीजेपी बोली, राज्य सरकार ने कोई मांग नहीं थी समिट के लिए

भाजपा की ओर से अमित चिमनानी ने कहा- पूरे देश में नक्सलवाद सिमट चुका है लेकिन छत्तीसगढ़ में यह स्थिति नहीं बन रही। एक तरफ कांग्रेस की राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन नक्सलियों की प्रवक्ता जैसे बयान देती हैं, दूसरी तरफ कांग्रेस के पदाधिकारी नक्सलियों के साथ तेलंगाना में पकड़े जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं पहल कर जी २० की महत्वपूर्ण बैठक छत्तीसगढ़ में तय की। उन्होंने खुद राज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात की थी। राज्य की तरफ से कोई मांग इस बैठक को लेकर नहीं की गई थी।

कांग्रेस ने रविवार को यह कहा था, जिस पर बीजेपी हुई आक्रामक

एक दिन पहले रविवार को इस मामले में बयान देते हुए कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा था- पिछले ४ साल में छत्तीसगढ़ में इतना परिवर्तन हो गया कि जिस छत्तीसगढ़ में देश के दूसरे प्रांतों के लोग इसलिये आने से हिचकते थे कि यहां नक्सल आतंक है उसी छत्तीसगढ़ में आज अंतर्राष्ट्रीय बैठक होने जा रही है। रमन राज के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री स्व अजीत जोगी के कैलिपर्स का नाप लेने न्यूजीलैंड के इंजीनियर छत्तीसगढ़ नहीं आ रहे थे। उनका नाप दिल्ली में लिया था। आज उसी छत्तीसगढ़ में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच होने जा रहा। जी २० की बैठक होने जा रही यह भूपेश सरकार की बड़ी उपलब्धि है।

19 देशों का समूह है जी-20 समिट

जी-२० को ग्रुप ऑफ ट्वेंटी भी कहा जाता है। यह यूरोपियन यूनियन एवं १९ देशों का एक अनौपचारिक समूह है। जी२० शिखर सम्मेलन में इसके नेता हर साल जुटते हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को कैसे आगे बढ़ाया जाए इस पर चर्चा करते हैं। इसका गठन साल १९९९ में हुआ था। साथ ही यह एक मंत्रिस्तरीय मंच है जिसे त्र७ द्वारा विकसित एवं विकासशील दोनों अर्थव्यवस्थाओं के सहयोग से गठित किया गया था। इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपियन यूनियन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। इसके केंद्र में आर्थिक स्थिति को कैसे स्थिर और बरकरार रखें, होता है। इसके साथ ही मंच विश्व के बदलते हुए परिदृश्य को भी ध्यान में रखता है और इससे जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करता है. इसमें व्यापार, कृषि, रोगार, ऊर्जा, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई, आतंकवाद जैसे मुद्दे भी शामिल हैं।