छत्तीसगढ़। गुस्से का एक पल, सब कुछ बर्बाद कर देता है। फिर पछताने के सिवाय कुछ भी नहीं होता। ऐसा ही एक खौफनाक वाक्या गरियाबंद (Gariaband) जिले में हुआ। जहां जंगल में लकड़ी बीनने गए पति-पत्नी के बीच ऐसा मनमुटाव हुआ कि पति ने गुस्से में आकर अपनी पत्नी को कुल्हाड़ी से काट डाला। इसके बाद वह इतना बदहवास हो गया कि जंगल में ही लाश (dead body) के पास बैठा रहा, जब गांव वाले गए तो कहा मर गई वो। उसकी हालत खराब होते ही लोगों ने अस्पताल पहुंचाया तो वहां डॉक्टरों ने उसे भी मृत घोषित कर दिया।
जानकारी के अनुसार कोसुमबूड़ा निवासी वीरेंद्र ध्रुव(३०) अपनी पत्नी रतनी बाई(२५) और डेढ़ साल के बेटे के साथ गांव में रहता था। वीरेंद्र घर का खर्चा चलाने के लिए रोजी मजदूरी करता था। उसकी पत्नी भी रोजी मजदूरी करती थी। १५ दिसंबर को भी दोनों मनरेगा में मजदूरी करने गए थे।
लेकिन उनके बीच ऐसा क्या हुआ था, उसकी जानकारी किसी को नहीं मिल पाई। इतना जरूर है कि युवक ने अस्पताल जाते समय कहा था, मैंने अपनी पत्नी को मार डाला है। लेकिन क्यों मारा, ये नहीं बता सका था।
बताया गया कि वहां से मजदूरी करने के बाद दोनों गांव के ही जंगल में लकड़ी बीनने चले गए थे। दोनों ने अपने बच्चे को वीरेंद्र के माता-पिता के पास छोड़ दिया था। इसके बाद से दोनों जंगल से लौटे ही नहीं। देर रात तक उनका कुछ पता ही नहीं चला। इस बीच वीरेंद्र के माता-पिता ने इस बात की जानकारी गांव वालों को दी। तब अगले दिन १६ दिसंबर को गांव के लोग सुबह से ही जंगल में दोनों की तलाश करने लगे।
ये सब कुछ १६ दिसंबर को हुआ। उसके बाद अगले दिन १७ दिसंबर को दोनों का पोस्टमॉर्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया है। मगर ये पता नहीं चल सका कि युवक ने अपनी पत्नी को क्यों मारा। बताया जा रहा है कि युवक १२ साल से मानसिक रूप से बीमार था। इस बीच जब उसकी तबीयत ठीक हुई, तब २०२० में उसकी शादी कर दी गई थी। अब उसने इस वारदात को अंजाम दे दिया है। फिलहाल पुलिस इस मामले में जांच कर रही है। पूरी घटनाक्रम की जानकारी रविवार को सामने आ सकी है।