नवाब पटौदी की 7 हजार करोड़ की संपत्ति छग सरकार को मिलेगी ?, जानिए इसकी बड़ी वजह
By : madhukar dubey, Last Updated : January 24, 2025 | 6:46 pm
रायपुर/जबलपुर। मुंबई में प्रसिद्ध सिनेमा अभिनेता सैफ अली खान (Actor Saif Ali khan)स्वस्थ होते ही घर में आराम फरमा रहे है। लेकिन घर लौटते ही एक सालों पुराने विवाद से उनका सामना हुआ है। पटौदी परिवार की 15 हजाार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति (Pataudi family’s assets worth more than Rs 15 thousand crores)के साथ-साथ ‘नवाब’ की पदवी छीनने का उन पर खतरा मंडराने लगा है। जानकारी के मुताबिक मौजूदा दौर में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ दोनों ही प्रदेशों में बीजेपी की सरकार है। लिहाजा प्रदेश के हितों को लेकर छत्तीसगढ़ अपनी हिस्सेदारी की मांग मध्यप्रदेश से कर सकता है। बताया जा रहा है कि इस मामले में जबलपुर हाईकोर्ट ने 13 दिसंबर, 2024 को स्टे हटा लिया है। हाईकोर्ट से स्टे हटने के बाद कानून के जानकार जता रहे है कि मध्यप्रदेश स्थित पटौदी परिवार की15 हजार करोड़ की संपत्तियां जब्त हो सकती हैं।
इस नई मुसीबत से पटौदी परिवार को फिलहाल राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। दरअसल, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने उस स्टे को खारिज कर दिया है, जिसके चलते पटौदी परिवार की अरबों की संपत्ति के मालिकाना हक को लेकर सालो से विवाद छिड़ा था। इस संपत्ति पर मध्यप्रदेश सरकार काफी पहले से ही अपना दावा करते आ रही थी। लेकिन अब मध्यप्रदेश हाई कोर्ट जबलपुर ने इससे जुड़ी उस याचिका पर से स्टे हटा दिया है, जिस पर अभी तक पटौदी परिवार उनकी रिहासत और चल-अचल संपत्ति का पुश्तैनी दावा किया करता था।
परिवार के दावेदरों के हाथ से निकलीं ये संपत्तियां
मध्य प्रदेश में पटौदी परिवार की 15 हजार करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी जब्त हो सकती है। इसमें अल-सबह पैलेस, नूर-ए-सभा भोपाल और सीहोर समेत आसपास के कई जिलों की कई ऐतिहासिक संपत्तियां शामिल हैं।
भोपाल के नवाब की प्रमुख संपत्तियों में फ्लैग स्टाफ हाउस, अहमदाबाद पैलेस और नूर-ए सभा, अल-सबह पैलेस जैसी कई ऐतिहासिक संपत्तियां शामिल हैं। 1968 में बने शत्रु संपत्ति कानून के तहत विभाजन के बाद पाकिस्तान जाने वाले लोगों की भारत में छोड़ी गई संपत्तियों पर केंद्र सरकार का हक है। इसी क्रम में केंद्र सरकार ने 25 फरवरी, 2015 को शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत राजस्व विभाग को पटौदी परिवार की संपत्ति राजसात करने का आदेश दिया था।
भारत-पाक बंटवारे के समय जो देश छोड़कर चले गए थे, उनकी संपत्ति होगी जब्त
जानकारी के मुताबिक संयुक्त मध्यप्रदेश के दौर में तत्कालीन बीजेपी-कांग्रेस की समय-समय पर सत्तारूढ़ सरकार ने इन सम्पत्तियों पर अपना दावा किया था। ये सम्पत्तियां उन लोगों की थी, जिन्होंने 1947 में भोपाल छोड़ पाकिस्तान में अपना ठिकाना बना लिया था। भारत-पाकिस्तान विभाजन के इस दौर में हज़ारों लोगों ने भोपाल-सीहोर और उसके आसपास के इलाकों से पलायन कर सीधे पाकिस्तान का रुख कर लिया था। वे फिर कभी हिन्दुस्तान नहीं लौटे। केंद्र सरकार के नियमों के मुताबिक 1968 में बने शत्रु संपत्ति कानून के तहत विभाजन के बाद पाकिस्तान जाने वाले लोगों की भारत में छोड़ी गई संपत्तियों पर केंद्र सरकार का हक प्रमाणित किया गया था।
शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई
आज भी यह कानून प्रभावशील है। इसी क्रम में केंद्र सरकार ने 25 फरवरी, 2015 को शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत राजस्व विभाग को पटौदी परिवार की संपत्ति राजसात करने का आदेश दिया था। बताया जाता है कि सैफ के पिता नवाब पटौदी और उनके वकीलों ने केंद्र सरकार के इस फैसले को सालों पहले चुनौती भी दी थी।
कई वर्षों से यह मामला अलग-अलग याचिकाओं के दायर होने के बाद अदालत में विचाराधीन रहा। इससे जुड़ी एक याचिका पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सालों से जारी स्टे को हटा दिया है। यही नहीं स्टे जारी रखने को लेकर नियत 30 दिन का अपील करने का समय भी बीते पखवाड़ा बीत चुका है। बताया जाता है कि अपील दायर करने की अवधि 14 जनवरी को खत्म हो गई है। लेकिन सैफ अली खान की ओर से इस प्रकरण पर कोई क़ानूनी कार्रवाई नहीं किये जाने से संपत्ति जब्ती को लेकर सुगबुगुहाट तेज हो गई है
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