मुंगेली। धान खरीदी में ढाई करोड़ से अधिक गोलमाल(More than Rs 2.5 crore involved in paddy procurement)हुआ है। इसकी जांच के बाद अब परत-दर-परत पोल खुलती जा रही है। सहकारिता विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। शिकायतों की जांच में समितियों के 10 कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर (FIR against 10 employees)दर्ज की गई है। इसमें चौंकाने वाले खुलास भी हो रहे हैं, यह खेल कई सालों से चल रहा था। कुछ समितियों में शॉर्टेज के नाम पर जानबूझकर लाखों-करोड़ों रुपए का धान गबन कर व्यारा न्यारा कर दिया जाता है। इसकी शिकायतें मिल रही थीं।
गौरतलब है कि धान खरीदी में त्रिस्तरीय अनुबंध लचीला होने के चलते शॉर्टेज की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रहा है, लेकिन मुंगेली जिले में इस बार जिस तरीके से प्रशासन और पुलिस का धान खरीदी में आर्थिक रूप से अनियमितता करने वालों पर डंडा चल रहा है उससे हड़कंप मचा हुआ है। पहले एफआईआर तक ही मामला सीमित रहता था और कोर्ट के सहारे मामले शिथिल हो जाते थे, लेकिन इस बार कलेक्टर राहुल देव ने इसे बेहद गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई का डंडा इस कदर चलाया कि दोषियों को जेल भी जाना पड़ रहा है।
दरअसल जिले के 60 से ज्यादा धान उपार्जन केंद्रों में करीब 60 हजार क्विंटल धान अब भी रिकॉर्ड में धान उपार्जन केंद्रों में रखा हुआ है, जो भौतिक सत्यापन में नजर नहीं आ रहा है। यह धान खरीदी कार्य में अनियमितता की पराकाष्ठा पार है। इधर 15 नवम्बर से धान खरीदी शुरू होने को है। ऐसे में प्रशासनिक कार्रवाई में तेजी आई है।
धान खरीदी में अनियमितता के मामले में पिछले वर्ष और इस वर्ष मिलाकर अब तक कुल 10 एफआईआर कराया जा चुका है। छटन और गुरूवाईनडबरी में भी धान खरीदी में गबन मामले में कार्रवाई हुई थी. बता दें कि एक माह के भीतर लोरमी विकासखण्ड के धान खरीदी केन्द्र गुरूवाइनडबरी एवं मुंगेली विकासखण्ड के छटन में भी अनियमितता के मामले में भी बड़ी कार्रवाई की गई थी। गुरूवाईडबरी में आरोपी रामदास बंजारे ने धान खरीदी केंद्र प्रभारी रहते हुए फर्जीवाड़ा कर शासन को लगभग 91 लाख 68 हजार से अधिक का आर्थिक नुकसान पहुंचाने पर गिरफ्तार किया गया. रामदास बंजारे द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में धान खरीदी के दौरान बेईमानीपूर्वक 25 सौ क्विंटल से अधिक धान का गबन किया गया था।
इसके साथ ही किसानों से खरीदे गए धान में से 600 बोरी धान को बेईमानीपूर्वक बिक्री करने के लिए श्याम राईस प्रोडक्ट बरेला के ट्रक क्रमांक सीजी 12 एस 2108 में लोड कराया गया था. इसी तरह धान उपार्जन केंद्र छटन में 49 लाख 04 हजार रुपए से अधिक कीमत का कुल 1582 क्विंटल धान कम पाया गया था. जांच में खरीदी प्रभारी पूर्णेंद्र यादव द्वारा गबन एवं धोखाधड़ी करते हुए शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का दोषी पाया गया, जिसके बाद फरार चल रहा था, जिसे गिरफ्तार करने की कार्रवाई की गई।
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