आप ने गिनाईं ‘स्वास्थ्य व्यवस्था’ की खामियां!, ‘TS-भूपेश’ की खींचतान से ‘बेड़ागर्क’!

छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार स्वास्थ्य व्यवस्थाओं (health systems) को लेकर तमाम दावे भले ही करती है, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और है।

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  • Updated On - May 4, 2023 / 05:22 PM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार स्वास्थ्य व्यवस्थाओं (health systems) को लेकर तमाम दावे भले ही करती है, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और है। प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के प्रदेश प्रवक्ता सूरज उपाध्याय ने भूपेश सरकार पर निशाना साधा है। सूरज उपाध्याय ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। उन्होंने बताया कि बालोद के ग्राम भैंसबोड़ में एक शटर लगे घर में सरकारी उपस्वास्थ्य केंद्र संचालित हो रहा है। डॉडी ब्लॉक के भरीटोला में अस्पताल एक स्कूल में संचालित हो रहा है। सिंघाला सामुदायिक भवन 5 सालों से सिंघोला के सरपंच जितेंद कुमार नेताम पर में चल रहा था, क्योंकि सरकारी भवन नहीं है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश के अस्पताल खुद वैटिलेटर पर है।

ग्रामीण अंचल में स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत खराब

‘आप प्रदेश प्रवक्ता सूरज उपाध्याय ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत इतनी खराब है कि किसी की तबियत खराब हो जाए तो उसे मीलों दूर जाना पड़ता है। गर्भवती महिलाओं को प्रसव की सुविधा नहीं मिल रही है। आलम यह है कि लोग निजी अस्पतालों में इलाज कराने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि अगर राजधानी रायपुर की बात करें तो प्रदेश के सबसे बड़े शासकीय अंबेडकर अस्पताल की हालत बेहद गंभीर है। 1300 बिस्तर का अस्पताल है और रोजाना 2 हजार से ज्यादा ओपीडी, लेकिन सिटी स्कैन और एमआरआई की सिर्फ एक मशीन है, जबकि रोजाना 300 से ज्यादा मरीजों को डॉक्टर एमआरआई व सोनोग्राफी जांच के लिए लिख रहे हैं, ऐसे में दिन भर में महज 20 से 25 मरीजों की जांच हो पाती है। अस्पताल के अधिकारी खुद मान रहे हैं कि स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बेहतर नहीं है।

फर्जी डॉक्टरों की पनाहगाह बना है प्रदेश

सूरज उपाध्याय ने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्थाएं ही हालत बद से बदतर तो है ही, इधर छत्तीसगढ़ फर्जी डॉक्टरों और फार्मासिस्टों का पनाहगाह बन गया है। अन्य राज्यों के फर्जी डॉक्टर भूपेश सरकार की कमजोर सिस्टम की वजह से फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से पंजीयन करा ले रहे हैं। उड़ीसा, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के फर्जी लोग भूपेश सरकार की फेल व्यवस्था की वजह से छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। जो बिना रोकटोक के अस्पताल खोलकर प्रदेश की जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। प्रदेश में 5 हजार से अधिक फर्जी पंजीयन हुआ है और लापरवाही का आलम देखिए कि फर्जीवाड़े के जांच की फाइल ही गायब हो गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कितने फर्जी अस्पताल संचालित हो रहे हैं, इसके बारे में भूपेश सरकार के पास कोई जानकारी नहीं है। न ही उन पर कोई जांच और कार्रवाई होती है।

बस्तर में डॉक्टर तक नहीं, चारपाई पर जाते हैं मरीज

आप प्रवक्ता ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हेल्थ सिस्टम का बुरा हाल है ही, खासकर बस्तर संभाग की बात करें तो यहां पर स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति काफी खराब है। बस्तर में विकास के दावे सरकार करती है। लेकिन हाल ही में ऐसी तस्वीर सामने आई, जिससे भूपेश सरकार के दावे की पोल खुल गई। बस्तर जिले के बारसूर में सड़क न होने के कारण गर्भवती महिला को खाट पर लादकर अस्पताल कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। इस बीच समय इलाज न मिल पाने के कारण कई बार जच्चा-बच्चा दोनों की जान चली जाती है। वहां के सरपंच ने खुद बताया कि विधायक और सांसद ध्यान नहीं दे रहे है। उन्होंने कहा कि यह कोई पहला मामला नहीं है, बल्कि आए दिन इस तरह की चीजें देखने को मिल रही हैं। वहीं कांकेर जिले के पखांजुर इलाके में आज मरीज की जान बचाने के लिए गांव के ग्रामीण चारपाई पर अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन भूपेश सरकार और उनके नेता मंत्रियों को प्रदेश की जनता की जनता और उनके स्वास्थ्य की कोई चिंता नहीं है।

कहा, टीएस सिंहदेव-सीएम की खींचतान सबसे बड़ी वजह

‘आप’ प्रदेश अध्यक्ष सूरज उपाध्याय ने सवाल पूछते हुए कहा कि भूपेश सरकार बताए कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए कितने नए अस्पताल खोले गए और कितने डॉक्टरों की बहाली की गई। जनता के स्वास्थ्य के लिए सरकार ने बीते 4 सालों में क्या प्रयास किए। सुदूर इलाका बस्तर के साथ अन्य जिलों में कितने अस्पताल खुले, कितने डॉक्टरों की नियुक्तियां की गई। उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार धोखे की सरकार है। छत्तीसगढ़ के लोगों के स्वास्थ्य को लेकर सरकार बिलकुल भी चिंतित नहीं है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश की व्यवस्था अच्छी कैसे हो सकती है, जब सीएम भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएम सिंहदेव पूरे 4 साल मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान में लगे हुए थे।

इनपुट (भोजेंद्र वर्मा)