नई दिल्ली, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। साल 1980, शोले 9Shaan) का खुमार उतरा नहीं था। गब्बर खलनायकों का चेहरा बन चुका था। ऐसे दौर में ही एक फिल्म रिलीज हुई जिसका खलनायक मुंह दबा कर बोलता था, गंजा था और कुटिल मुस्कान का मालिक था। नाम था शाकाल और मल्टीस्टारर फिल्म थी शान।
कई किस्से हैं 12 दिसंबर 1980 को रिलीज हुई फिल्म के। मूवी शोले का रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाई लेकिन दिलों दिमाग पर छा गई। गाने काफी पसंद किए गए। आज भी जब अंताक्षरी खेली जाती है तो ‘य’ अक्षर आते ही लोगों की जुबान पर जो गाना आता है वो ‘यम्मा -यम्मा’ भी इसी फिल्म का था।
शाकाल ने भी लोगों को खूब डराया। यह वो रोल था जिसे पहले संजीव कुमार करने वाले थे। लेकिन फिर पहला दिल का दौरा पड़ा और कथित तौर पर नासाज सेहत की वजह से वो अलग हो गए।
रमेश सिप्पी शोले की स्टारकास्ट रिपीट करना चाहते थे। सब कुछ सेट था लेकिन धर्मेंद्र को अपना रोल कुछ जंचा नहीं और उन्होंने किनारा कर लिया। देखते देखते हेमा ने भी कन्नी काट ली। इस जोड़ी को रिप्लेस किया शशि कपूर और बिंदिया गोस्वामी ने। तो संजीव कुमार की भूमिका कुलभूषण खरबंदा ने निभाई।
यही नहीं विनोद खन्ना ने भी अपनी राह जुदा कर ली। वो आध्यात्मिक गुरु रजनीश के साथ जुड़ गए। इस परिस्थिति में रोल शत्रुघ्न सिन्हा की झोली में गिरा।
उस दौर की महंगी फिल्म थी शान। खूब खर्चा किया गया। 6 करोड़ के बजट में मूवी तैयार हुई जो ‘शोले’ की लागत से लगभग दो गुना ज्यादा था। रिलीज हुई तो शो अच्छे जा रहे थे लेकिन फिर नेगेटिव माउथ पब्लिसिटी ने सबकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। फ्लॉप साबित हुई लेकिन बाद में दोबारा रिलीज की गई। इससे मेकर्स ने लागत से ज्यादा कमाई कर ली थी। मूवी का टोटल कलेक्शन 8 करोड़ रहा। दूरदर्शन पर इसे दिखाया गया तो कल्ट फिल्मों की लिस्ट में शुमार हो गई। अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया। सेट विदेशी फिल्मों से प्रेरित थे।
रिलीज के साथ ही एक किरदार दिलो दिमाग पर छा गया और वो था टकला शाकाल। गब्बर के बाद शाकाल खलनायकों का सरताज बन गया। मूवी की वो जान था।
डायलॉग्स और लुक तो शोले के खूंखार डाकू की तरह नहीं थे लेकिन स्टाइल और अंदाज सिहरन पैदा कराने वाला था। ये चरित्र ‘जेम्स बॉन्ड’ सीरीज के अर्न्स्ट स्टावरो ब्लोफेल्ड से प्रेरित था।
सूट-बूट में हंसते हंसते क्राइम करने वाला किरदार भारतीय दर्शकों के लिए नया था और ये अजब ट्रीटमेंट ही लोगों दिलों में पैठ कर गया।