मुंबई: बॉलीवुड के ‘ही-मन’ धर्मेंद्र (Dharmendra) का 89 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। अभिनेता लंबे समय से बीमार चल रहे थे और नवंबर 12 को उन्हें ब्रिच कैंडी अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी। अस्पताल सूत्रों के अनुसार उस समय उनका स्वास्थ्य स्थिर था और वह घर पर ठीक हो रहे थे।
डॉ. राजीव शर्मा ने उस समय कहा था कि धर्मेंद्र जी अस्पताल से ‘पूर्ण संतुष्टि’ के साथ घर गए हैं और उनके लिए हर प्रकार की व्यवस्था की गई थी। उनका कहना था कि जनता से अपील है कि झूठी खबरें न फैलाएँ और उनके जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करें।
धर्मेंद्र अक्टूबर 31 से अस्पताल में चिकित्सकों की निगरानी में थे और 10 नवंबर को उनकी स्थिति गंभीर बताई गई थी। अभिनेता 8 दिसंबर को 90 वर्ष के हो जाने वाले थे।
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— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) November 24, 2025
पेशेवर तौर पर धर्मेंद्र ने 2024 में फिल्म ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’ में अभिनय किया। उनकी अगली फिल्म ‘इक्कीस’ है, जिसका निर्देशन श्रीराम राघवन कर रहे हैं। यह फिल्म अरुण खेतेरपाल के जीवन पर आधारित युद्ध ड्रामा है और दिसंबर में रिलीज़ होने वाली है।
धर्मेंद्र भारतीय सिनेमा के सबसे महान, आकर्षक और व्यावसायिक रूप से सफल अभिनेताओं में से एक माने जाते हैं। उन्होंने अपने करियर में 300 से अधिक फिल्मों में काम किया और हिंदी सिनेमा में सबसे अधिक हिट फिल्मों का रिकॉर्ड उनके नाम है। उन्हें 2012 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
धर्मेंद्र ने 1960 में ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया। 1960 के दशक के मध्य में उन्होंने ‘आई मिलन की बेला’, ‘फूल और पत्थर’, और ‘आई दिन बहार के’ जैसी फिल्मों से लोकप्रियता हासिल की। 1970 और 1980 के दशक में ‘शोले’, ‘सीता और गीता’, ‘धर्मवीर’, ‘घुलामी’, ‘हुकूमत’ और ‘अग्नि ही अग्नि’ जैसी सुपरहिट फिल्मों में उनके अभिनय की धूम रही।
1990 के दशक के अंत में उन्होंने ‘प्यार किया तो डरना क्या’, ‘लाइफ इन ए… मेट्रो’, ‘अपने’, ‘जॉनी गद्दार’, ‘यमला पगला दीवाना’, ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ और ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’ जैसी फिल्मों में यादगार चरित्र भूमिकाएँ निभाईं।
धर्मेंद्र का जाना बॉलीवुड के लिए अपूरणीय क्षति है, लेकिन उनकी फिल्मों और योगदान से वे हमेशा जीवित रहेंगे।