नई दिल्ली (आईएएनएस)। भारत की ‘लुनर ब्लॉकबस्टर’ चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरकर इतिहास रचा है। भारत ऐसा करने वाला दुनिया का एकमात्र देश है।
इसरो के चंद्रयान-3 मिशन की लागत 615 करोड़ रुपये है। अगर इसे यूएस डॉलर में बदला जाए तो यह 75 मिलियन डॉलर होता है। यह बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी फिल्म ‘आदिपुरुष’ (बजट: 700 करोड़ रुपये) से सस्ती है।
मौजूदा समय में दुनियाभर की बॉक्स ऑफिस पर राज कर रही दो हॉलीवुड फिल्मों – ग्रेटा गेरविग की ‘बार्बी’ ($145 मिलियन) और क्रिस्टोफर नोलन की ‘ओपेनहाइमर’ ($100 मिलियन) से भी चंद्रयान-3 मिशन सस्ता है।
अंतरिक्ष यात्रा से प्रेरित फिल्म की बात करें तो रिडले स्कॉट की मैट डेमन-स्टारर ‘द मार्टियन’ (2015) 106 मिलियन डॉलर में बनाई गई थी।
चंद्रयान-3 किसी भी बोइंग विमान की औसत लिस्टेड प्राइस से भी सस्ता है। जिसके लिए एयर इंडिया ने हाल में ऑर्डर दिया है। इसमें 737 मैक्स (128.25 मिलियन डॉलर प्रत्येक), 787-9 (292.50 मिलियन डॉलर) और 777.9 (442.20 मिलियन डॉलर) शामिल है।
एयर-इंडिया ने इनमें से 220 विमानों का ऑर्डर दिया है। जिन 250 एयरबस विमानों का सौदा तय किया गया है अगर उनकी कीमतों पर नजर डालें तो भी चंद्रयान-3 सस्ता है।
प्रत्येक एयरबस 320 नियो की कीमत 110.60 मिलियन डॉलर है। चंद्रयान-3 की लागत एयरबस 321 नियो (129.50 मिलियन डॉलर) से भी कम है और ए350-1000 (366.50 मिलियन डॉलर) और ए350-900 (317.40 मिलियन डॉलर) की कीमत के एक चौथाई से भी कम है।
अगर इसरो के चंद्रयान-3 के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग की बात करें तो यह रूस के असफल मिशन लूना 25 (अनुमानित 200 मिलियन डॉलर या 1,600 करोड़ रुपये से अधिक) से काफी कम है। वहीं, चीन की पहली चांग’ई प्रोब (1.4 बिलियन युआन या 219 मिलियन डॉलर) से भी कम है।