International Yoga Day 2025: 80 की उम्र में भी खुद को युवा मानते हैं धर्मेंद्र, बताया योग से मिला जीवन का बल

“लोग मुझे बूढ़ा कहते हैं, लेकिन मैं अब भी जवान हूं,” धर्मेंद्र ने मुस्कराते हुए कहा। उन्होंने अपने लंबे और स्वस्थ करियर का श्रेय फिटनेस, अनुशासन और विशेष रूप से योग को दिया।

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  • Publish Date - June 21, 2025 / 02:43 PM IST

मुंबई : 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day ) के अवसर पर हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र ने योग के महत्व और भारतीय संस्कृति में इसकी गहरी जड़ों पर प्रकाश डाला। 80 वर्ष की उम्र में भी ऊर्जा और जोश से भरपूर धर्मेंद्र ने कहा कि योग ने उनके जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है और यही कारण है कि वह आज भी खुद को “युवा” मानते हैं।

“लोग मुझे बूढ़ा कहते हैं, लेकिन मैं अब भी जवान हूं,” धर्मेंद्र ने मुस्कराते हुए कहा। उन्होंने अपने लंबे और स्वस्थ करियर का श्रेय फिटनेस, अनुशासन और विशेष रूप से योग को दिया।

धर्मेंद्र ने ANI से बात करते हुए कहा, “योग केवल व्यायाम नहीं है, बल्कि एक शक्तिशाली उपचार है जो कई बीमारियों को ठीक कर सकता है। यदि आपको सांस लेने में तकलीफ है, तो योग बहुत मददगार है। याद रखिए, स्वास्थ्य ही असली धन है।”

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योग गुरु बाबा रामदेव की भी सराहना की, जिन्होंने योग को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। धर्मेंद्र ने कहा, “मोदी जी ने इसे शुरू किया, उससे पहले रामदेव जी ने भी यह आंदोलन चलाया। कई विदेशी इसे पेटेंट कराना चाहते थे, लेकिन नहीं करा सके। यह हमारी सभ्यता, हमारी संस्कृति है, जो सदियों से चली आ रही है। और इसकी आज के समय में बेहद ज़रूरत है।”

धर्मेंद्र ने अपनी जवानी के दिनों को याद करते हुए कहा कि वे हमेशा से फिटनेस को लेकर सजग रहे हैं। “मैं साइकिल चलाने और मेहनत करने का सपना देखा करता था। जब मैं फिल्मी पोस्टर में अपनी तस्वीर देखता, तो सोचता – क्या हासिल करूंगा? कई बार रात में सपने देखता और सुबह उठकर आईने से सवाल करता,” उन्होंने कहा।

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि मन और शरीर का संतुलन बनाए रखना लंबे करियर और अच्छी ज़िंदगी की कुंजी है।

इस बीच, 2025 के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशाखापट्टनम के खूबसूरत तट पर सामूहिक योग सत्र में भाग लिया, जहां हजारों लोगों ने उनके साथ योग किया।

धर्मेंद्र का संदेश आज की पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा है – उम्र चाहे जो भी हो, आत्मा में जोश और शरीर में संतुलन हो तो जीवन हमेशा युवा बना रहता है।