नई दिल्ली, 13 सितंबर (आईएएनएस)। ‘परदेस’ में गंगा(Ganges) यानि वह पवित्रता जिसको संजोए भारत आज भी दुनिया को एक संदेश देता है- 1997 में फिल्म ‘परदेस’ में गंगा के किरदार के जरिए देने की सुभाष घई ने कोशिश की थी। फिल्म रिलीज हुई तो हिंदी सिनेमा के पर्दे पर बादशाह शाहरुख खान दिखे लेकिन उनके साथ जो पर्दे पर सह-कलाकार नजर आईं उसकी खूबसूरती ने सबको हैरान कर दिया। चेहरे पर वही गंगा जैसी पवित्रता, किरदार का भी पर्दे पर वही नाम और फिल्म के पोस्टर पर जो नाम अंकित था वह था महिमा चौधरी।(Mahima Chaudhary)
सुभाष घई की फिल्मों में काम करने से पहले रितु चौधरी दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल की खूबसूरत वादियों को अपने चेहरे पर समेटे तो घूम रही थी लेकिन किसी ने सोचा भी नहीं था कि ‘एम’ शब्द को अपनी किस्मत मान चुके सुभाष घई के लिए यही रितु चौधरी पर्दे पर ‘महिमा चौधरी’ बनकर कमाल दिखाने वाली हैं। महिमा की पहली ही फिल्म ने सफलता के ऐसे झंडे गाड़े की उनको जानने वाले भी भूल गए कि महिमा का असली नाम रितु है।
हालांकि, महिमा चौधरी को इस फिल्म की सफलता ने पहली ही बार में बेस्ट फीमेल डेब्यू कैटेगरी में फिल्मफेयर अवॉर्ड दिला दिया। इसके बाद दाग-द फायर, धड़कन, कुरुक्षेत्र, बागवान, दिल क्या करे, लज्जा, दोबारा में उन्होंने अपने अभिनय से दर्शकों को बता दिया कि ‘गंगा’ फिल्मी पर्दे का चमकता सितारा है।
महिमा के पिता जाट थे और उत्तर प्रदेश के बागपत से संबंध रखते थे जबकि उनकी मां दार्जिलिंग से थीं। अपने छोटे फिल्मी करियर में महिमा शाहरुख से लेकर अजय देवगन तक हर बड़े बॉलीवुड कलाकार के पर्दे पर नजर आईं। अभी तो वह सफलता की सीढ़ियां चढ़ ही रही थी कि एक हादसे ने उनके करियर पर ही ब्रेक लगा दिया।
फिल्म दिल है तुम्हारा की शूटिंग के दौरान एक सड़क हादसे ने महिमा का पूरा चेहरा ही बदरंग कर दिया। उनके चेहरे पर कांच के 67 टुकड़े फंस गए और इसके बाद कई सालों तक महिमा के फिल्मी करियर को ब्रेक लग गया। उन्होंने इस हादसे से उबरने के बाद पर्दे पर वापसी तो की लेकिन उनका जादू चल नहीं पाया। फिर साल 2020 तो मानो उनकी जिंदगी में भूचाल ही लेकर आ गया। एक तरफ दुनिया कोविड की गिरफ्त में कसमसा रही थी उधर दूसरी तरफ महिमा को पता चला की उनके भीतर एक ऐसा रोग पल रहा है जो उन्हें शायद ही जीने देगा। उन्हें कैंसर है इस बात का पता तभी चला था। हालांकि उनकी जीवटता ने कैंसर(cancer) को भी मात दे दी। लेकिन, टूटे दिल की टीस तो महिमा के अंदर अब भी हरी ही रही।
परदेस की सफलता के बाद उनके जीवन में प्यार ने भी दस्तक दी। वह लिएंडर पेस के साथ में रिलेशनशिप में आ गई थीं। दोनों ने तीन साल तक अपने रिश्ते को चलाया लेकिन, संजय दत्त की पत्नी रिया पिल्लई के साथ उसी वक्त लिएंडर ने डेट करना शुरू कर दिया। रिश्ता ब्रेक हो गया। हालांकि, अपने आप को संभालकर महिमा करियर पर फोकस करने की कोशिश कर रही थी इसी बीच उन्होंने 2006 में बॉबी मुखर्जी से शादी कर ली। हालांकि यह शादी भी 5 साल से ज्यादा नहीं चल पाई। इस शादी से उनकी एक बेटी भी है जिसकी वो अपने दम पर परवरिश कर रही हैं।
बॉलीवुड को उसकी ‘गंगा’ भी तीन हजार ऑडिशन के बाद मिली थी। यानि सुभाष घई ने ‘गंगा’ के किरदार के लिए 3000 से ज्यादा लड़कियों के ऑडिशन लिए थे लेकिन, उनको इस किरदार के लायक कोई भी नजर नहीं आई। सुभाष घई एक पार्टी में गए तो वहां वीडियो जॉकी का काम करने वाली महिमा पर उनकी नजर पड़ी और उन्होंने उसे एक ही नजर में अपने बुने किरदार के लिए सही पाया।