एक मूक ब्लैक कॉमेडी है, विजय सेतुपति की फिल्‍म ‘गांधी टॉक्स’

54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में इंटरेक्शन प्रोग्राम के दौरान फिल्म की टीम ने जानकारी साझा की।

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  • Publish Date - November 22, 2023 / 06:27 PM IST

पणजी, 22 नवंबर (आईएएनएस)। अभिनेता विजय सेतुपति ने अपनी फिल्म ‘गांधी टॉक्स’ (Gandhi Talks) के बारे में बात करते हुए कहा कि यह फिल्‍म करेंसी नोटों पर गांधी और उन गांधी के बीच विरोधाभास को सामने लाती है, जिनके आदर्शों को वे अपनाना चाहते हैं।

54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में इंटरेक्शन प्रोग्राम के दौरान फिल्म की टीम ने जानकारी साझा की।

कार्यक्रम के दौरान अभिनेता विजय सेतुपति, निर्माता शारिक पटेल, राजेश केजरीवाल और अभिनेत्री अदिति राव हैदरी, अरविंद स्वामी और सिद्धार्थ जादव के साथ बातचीत की।

विजय सेतुपति ने कहा, “फिल्म करेंसी नोटों पर गांधी और उन गांधी के बीच द्वंद्व को सामने लाती है, जिनके आदर्शों को वे अपनाना चाहते हैं।”

उन्होंने कहा, “न्याय वास्तविकता से भिन्न है। प्रारंभ में नायक नोट्स पर गांधी के प्रति प्रतिक्रिया करता है, लेकिन बाद में वह अपने दिल में गांधी (गांधी के आदर्शों) के प्रति प्रतिक्रिया करना शुरू कर देता है। यह वह द्वंद्व है, जिसे फिल्म तलाशती है।”

क्या मूक फिल्म में अभिनय करना कठिन था? अभिनेता ने कहा कि उनका अभिनय संवादों के अस्तित्व से प्रभावित नहीं होता है और ऐसा होने का कोई कारण नहीं है।

उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि कला का रूप हमें आशीर्वाद देगा और दर्शकों को आश्वस्त करेगा। किसी भी तरह के सिनेमा में सफलता और विफलता का जोखिम हमेशा बना रहता है।”

निर्माता शारिक पटेल ने कहा कि संचार के लिए केवल दृश्य माध्यम का उपयोग करना निर्देशक की एक दिलचस्प अवधारणा थी।

निर्माता ने कहा, “साउंडट्रैक के लिए ए.आर. रहमान का होना सोने पर सुहागा था।”

यह सिनेमा एक चरित्र की मौद्रिक जरूरतों और दूसरों को कैसे प्रभावित करता है। यह एक मूक ब्लैक कॉमेडी है। एक युवा बेरोजगार महादेव किसी भी माध्यम से नौकरी पाने के संघर्ष के कारण एक व्यापारी और छोटे चोर से मिल जाता है। गांधी टॉक्स का उद्देश्य संवाद के उपकरण को बंद करके एक कहानी बताना है।”