नई दिल्ली, 13 अगस्त (आईएएनएस)। आई फ्लू और वायरल बुखार की समस्या के बाद अब गठिया और जोड़ों के दर्द (knee pain) के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। आंकड़ों के मुताबिक गठिया और जोड़ों के दर्द के मरीज 50 प्रतिशत बढ़ गए हैं। गठिया में जोड़ों में दर्द और सूजन होती है। एक उम्र के बाद यह समस्या आने लगती है।
दिल्ली के मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के ऑर्थोपेडिक्स और जॉइंट रिप्लेसमेंट के वरिष्ठ निदेशक और यूनिट प्रमुख डॉ. एल तोमर ने कहा, “ओपीडी में घुटनों के दर्द और जोड़ों के दर्द के मरीजों में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।”
तोमर ने कहा, ”जोड़ों का दर्द आमतौर पर तब होता है जब मौसम असमान्य हो। इस स्थिति में घुटने मुख्य रूप से प्रभावित होते हैं, इसके बाद रीढ़ की हड्डी के जोड़ और टखने प्रभावित होते हैं।”
मानसून के दौरान कुछ ऐसे कारक होते हैं जो संभावित रूप से गठिया के दर्द को बढ़ा सकते हैं। नमी एक सामान्य कारक है जो मानसून के मौसम में गठिया के दर्द को प्रभावित करती है।
डॉक्टर ने कहा इससे मरीज को असुविधा हो सकती है, जिसमें गठिया से पीड़ित लोगों के लिए अपने जोड़ों को हिलाना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
तोमर ने कहा, “हम लोगों को संयमित व्यायाम करने, हाइड्रेटेड रहने और बारिश में भीगने से बचने की सलाह देते हैं। खराब जीवनशैली, पौष्टिक आहार और व्यायाम की कमी के अलावा धूम्रपान और शराब का सेवन भी इस बीमारी को दावत देता है।”
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली के रुमेटोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. उमा कुमार ने कहा, “हम ओपीडी में जोड़ों के दर्द से पीड़ित मरीजों की संख्या में वृद्धि देख रहे हैं।”
डॉक्टरों ने कहा कि यह स्थिति न केवल 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों में आती है, बल्कि 30 वर्ष की आयु के आसपास के युवा भी जोड़ों में दर्द की समस्याओं के साथ आ रहे हैं।
गठिया में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर में स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करती है जिससे सूजन होती है जिसके परिणामस्वरूप शरीर के कुछ हिस्सों में दर्दनाक सूजन हो जाती है। डॉक्टरों ने इस स्थिति के लिए मानसून को जिम्मेदार ठहराया है।
डॉ. उमा कुमार कहा, ”मानसून के कारण हवा के दबाव में वृद्धि और मौसम गर्म, ठंडा हाेेेने से लोगों में यह शिकायत आ रही है। उन्होंने जोड़ों के दर्द में वृद्धि के पीछे डेंगू जैसे संक्रमण को भी जिम्मेदार बताया।