Vitamin B12: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, रोजमर्रा की जिंदगी में हम जिन लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं, वे कई बार बड़ी कमी के संकेत होते हैं. हाल ही में एक स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने एक ऐसी मरीज का अनुभव साझा किया, जिसकी रोज सुबह उठने पर सिरदर्द की शिकायत आम थी. मरीज को लगता था कि यह तनाव या बंद कमरे की वजह से हो रहा है और खुली हवा में बेहतर महसूस होता था. हालांकि, एक साधारण ब्लड टेस्ट से पता चला कि यह रोज का सिरदर्द असल में एक बड़े खतरे का संकेत था और शरीर में विटामिन बी12 (Vitamin B12) की गंभीर कमी का ‘रेड फ्लैग’ था.
विटामिन बी12 एक महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्व है, जो मस्तिष्क और तंत्रिकाओं के सही कामकाज के लिए बहुत जरूरी है. इसकी कमी से सिरदर्द और तंत्रिका दर्द (Nerve Pain) सबसे आम शिकायतें हैं. जब शरीर में बी12 का स्तर गिरता है, तो दो मुख्य समस्याएं शुरू होती हैं. पहला, यह स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाएं (Red Blood Cells) बनाने में मदद करता है. कमी होने पर ये कोशिकाएं ठीक से नहीं बन पातीं, जिससे ऊतकों तक ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो जाती है. मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी ही लगातार, हल्के सिरदर्द या कुछ मामलों में माइग्रेन को जन्म देती है. दूसरा, बी12 नसों के चारों ओर की सुरक्षात्मक परत जिसे मायलिन कहते हैं, उसे बनाए रखने में भी सहायक है.
मायलिन परत के टूटने या खराब होने से नसों को नुकसान पहुंचता है, जिससे शरीर में झुनझुनी, जलन, सुन्नपन या हाथों और पैरों में तेज दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं. लंबे समय तक कमी रहने पर तंत्रिका क्षति स्थायी हो सकती है, इसलिए इसकी जल्द पहचान और इलाज जरूरी है.
शरीर में विटामिन बी12 की कमी कई कारणों से हो सकती है. सबसे आम कारण है खराब अवशोषण (Poor Absorption). कुछ लोग पर्नीसियस एनीमिया, पेट के विकार, आंतों की बीमारियों या पेट या आंतों की पिछली सर्जरी के कारण इसे ठीक से अवशोषित नहीं कर पाते. बढ़ती उम्र के साथ पेट में एसिड का स्तर कम होने से भी अवशोषण घट जाता है. शाकाहारी या वीगन डाइट लेने वालों में भी इसकी कमी अक्सर पाई जाती है, क्योंकि यह स्वाभाविक रूप से मांस, मछली, अंडे और डेयरी जैसे पशु-आधारित खाद्य पदार्थों में पाया जाता है. इसके अलावा, लंबे समय तक एंटासिड या डायबिटीज की दवा मेटफॉर्मिन जैसी कुछ दवाएं लेने वालों में भी इसका स्तर कम हो सकता है.
इस कमी का पता सरल ब्लड टेस्ट से लगाया जा सकता है. इलाज कारण और गंभीरता पर निर्भर करता है. कई लोग ओरल सप्लीमेंट्स से ठीक हो जाते हैं, जबकि अवशोषण की समस्या वाले लोगों को इंजेक्शन की जरूरत पड़ सकती है. सिरदर्द में तो उपचार से अक्सर सुधार होता है, लेकिन तंत्रिका संबंधी लक्षणों में सुधार होने में अधिक समय लग सकता है. विशेषज्ञों की सलाह है कि विटामिन बी12 की गोलियां हमेशा सुबह लेनी चाहिए, क्योंकि तब पेट में एसिड का स्तर सबसे अधिक होता है, जो अवशोषण में मदद करता है. इसे भोजन से कम से कम तीस मिनट पहले या एक घंटे बाद पानी के साथ लेना चाहिए. शाकाहारी लोगों को फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों या सप्लीमेंट्स पर ध्यान देना चाहिए.